

-भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक
वाराणसी (Varanasi) , 11 मार्च . भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक शनिवार (Saturday) से रोहनिया स्थित पार्टी के क्षेत्रीय कार्यालय में शुरू हुई. पहले दिन पांच सत्रों में चली बैठक में मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री कालीराम, प्रदेश प्रभारी एडवर्ड सोरेन और राष्ट्रीय महामंत्री गजेन्द्र सिंह ने कार्यकर्ताओं को केंद्र सरकार (Central Government)द्वारा जनजातीय समाज के उत्थान के लिए किए गये कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी. पदाधिकारियों ने जनजातीय मोर्चे का विस्तार जन-जन तक करने के लिए कार्यकर्ताओं को आगे आने का आह्वान किया.
पदाधिकारियों ने कहा कि कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों से सम्पर्क कर संवाद स्थापित करें, उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाएं. संगठन की सबसे निचली व महत्वपूर्ण इकाई को मजबूत करें. संगठन के कार्य विस्तार, कार्य पद्धति एवं सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जनता में चर्चा करे. बैठक में भाजपा आईटी विभाग के प्रदेश सह संयोजक शशि कुमार ने सोशल मीडिया (Media) के प्रयोग पर बल दिया. बताया कि बैठक के दूसरे दिन चार सत्र होंगे.
-बैठक में पांच प्रमुख मांग
गोंड, खरवार समाज की सभी उप जातियों को एक सूची में सम्मिलित करें जिससे हर तरह का विवाद भी समाप्त हो जाए. जाति प्रमाण पत्र मौजूदा अभिलेखों के आधार पर जारी किया जाए जैसे अन्य जातियां का जाति प्रमाण पत्र मात्र परिवार रजिस्टर रजिस्टर में दर्ज जाति आधार पर होता है. गोंड, खरवार समाज को समस्त उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अनुसूचित जनजाति की सूची में सम्मिलित किया जाए. अनुसूचित जनजाति की समस्याओं व जन सुनवाई के लिए तत्काल जनजाति आयोग का गठन होना चाहिए. वन क्षेत्र में रहने वाले जनजातियों को वन अधिकार से वंचित न किया जाए व उनका पूर्व संरक्षण हो उसके उनके मूलभूत समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाए. आगामी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) निकाय चुनाव में अनुसूचित जनजाति के लिए समुचित आरक्षण निश्चित किया जाए.
कार्य समिति की बैठक में राजनैतिक प्रस्ताव अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री विद्या भूषण गोंड ने रखा, इसका समर्थन प्रदेश महामंत्री मुन्ना खरवार व प्रदेश महामंत्री सूर्यकुमार गोंड ने किया. बैठक के पांचवें सत्र में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के अभिभाषण पर चर्चा हुई.
/श्रीधर