
कुलपति से मिले विधायक, निष्पक्ष जांच की मांग की, एनएसयूआई ने सौंपा ज्ञापन
अनूपपुर, 13 मार्च . इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में 10 मार्च की सायं छात्रावास के चार लड़के विश्वविद्यालय स्थित पानी की टंकी में चढ़कर वीडियो बनाने के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार (Monday) को पांच सदस्यों की समिति बनाकर घटना की पूरी जांच के निर्देश दिये हैं. कमेटी दोनों ही पक्षों से घटना संबंधित जानकारी लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति को सौंपेगी.
ज्ञात हो कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक की घटना पर केरल (Kerala) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) पिनाराई विजयन, सांसद (Member of parliament) राहुल गांधी सहित केरल (Kerala) के 5 सांसदों ने विश्वविद्यालय पर केरल (Kerala) के छात्रों पर क्षेत्र विशेष एवं समुदाय पर इनको टारगेट कर हमला होना बताते हुए सुरक्षाकर्मीयों के विरूध कार्यवाई की मांग की थी. जबकि कुलपति का स्पष्ट कहा हैं कि जो भी पक्ष दोषी पाया जाएगा उस पर नियमानुसार सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. विजय कुमार दीक्षित ने बताया कि 10 मार्च की घटना में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति ने सोमवार (Monday) को 5 सदस्यी समीति प्रों.नवीन शर्मा की अध्यक्षता में गठित की है, जिसमें भूमिनाथ त्रिपाठी, तरूण ठाकुर, नारायण मूर्ती एवं विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार सेलुनाथन को सदस्य बनाया गया हैं. समीति शीघ्र ही दोनों पक्षों से मिलकर उनसे बात कर जांच के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन को यह बतायेगी कि इस घटनाक्रम में दोषी कौन हैं इसके बाद विधी सम्मत कार्यवाई की जायेगी.
वहीं दूसरी ओर घटना के विरोध में पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी से मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों के विरूध कार्यवाई की मांग की हैं.
भारतीय राष्ट्रीय छात्र (student) संगठन ने घटना के विरोध में विश्वविद्यालय प्रशासन सहित एसडीएम, एसडीओपी पुष्पराजगढ़ को ज्ञापन सौंपा कर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की हैं. भारतीय राष्ट्रीय छात्र (student) संगठन ने कहा कि संगठन छात्रों के साथ खड़ा है जब तक छात्रों को न्याय नहीं मिल जाता हम शांत नहीं रहने वाले हैं यदि छात्रों को उचित न्याय नहीं मिलता तो हम विश्वविद्यालय घेराव के लिए बाध्य होंगे.
छोटी सी घटना को जिस तरह राजनैतिक रंग देने का प्रयास राजनैतिक दलों के नेताओं ने किया हैं जिसमें केरल (Kerala) प्रदेश के नेताओं का असली चेहरा सामने आया हैं. जो बिना सोचे समझे तिल को ताड़ बनाने का प्रयास किया हैं जैसे केरल (Kerala) भारत से बाहर हैं.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी ने कहा कि बच्चों का प्रांत के हिसाब से वर्गीकृत नहीं करते, वह किस विचारधारा और कहां से हैं इससे फर्क नहीं पड़ता सब बच्चे हमारे है.
/ राजेश शुक्ला