उत्तराखंड बजट सत्र : कांग्रेस ने सदन की मर्यादा को किया तार-तार

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूडी.
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूडी.
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूडी.
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विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूडी.

-विपक्ष सदन में मर्यादा के विपरीत उल्लंघन के साथ अभद्रता पर उतारू : विधानसभा अध्यक्ष

-सरकार विपक्ष के आवाज को दबा रही : नेता प्रतिपक्ष

-सदन की कार्यवाही अगले दिन 11 बजे तक के लिए स्थगित

भराड़ीसैंण (गैरसैंण), 14 मार्च . उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र के दूसरे मंगलवार (Tuesday) को सदन की मर्यादा तार तार हो गई. कांग्रेस विधायक उधमसिंह नगर के एसएसपी को हटाने की मांग को लेकर अड़े रहे. इस दौरान कांग्रेस के उग्र विधायकों ने मेज उखाड़ने से लेकर कागज के टुकड़े घंटों उछालते रहे. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के उग्र विधायकों ने सदन की मर्यादा के विपरीत आचरण किया.

आज सुबह सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल के साथ शुरू. इस दौरान सभी प्रश्नों को सुना गया. विपक्ष ने प्रश्नों के माध्यम से मंत्रियों को एकजुट होकर घेरने की पूरी कोशिश की. इसके बाद उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश 2023 और छह विधेयक को पुरःस्थापित करने के लिए सदन के पटल पर रखा गया.

इसके बाद विशेषाधिकार अवहेलना के प्रश्न पर विपक्ष ने जसपुर विधायक आदेश चौहान का मामला उठाया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष न्यायालय की बात को बता रही थीं तभी विपक्षी विधायक वेल में आकर उग्र हो गए और मेज पीटने और रूल की कॉपी फाड़ने लगे. इससे विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस विधायकों के नियम विरुद्ध व्यवहार से नाराज हो गयीं और उन्हें एक दिन की कार्यवाही में भाग लेने से निलंबित कर दिया. इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 03 बजे के लिए स्थगित कर दी गई.

विपक्ष के शाेर शराबे के कारण सदन की कार्यवाही 03 बजे 4.30 बजे तक तीन बार स्थगित करनी पड़ी. फिर 4.30 बजे पांच बजे तक सदन दो बार स्थगित हुआ. जब पांच बजे सदन की कार्यवाही शुरू तो फिर विपक्षी विधायक वेल में कागज के टुकड़े उछालने लगे. कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच राज्यपाल अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा गया.

इस दौरान कांग्रेस के अनुपमा रावत, वीरेन्द्र मेज पर चढ़ गए. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या, भुवन कापड़ी, आदेश चौहान, प्रीतम सिंह सहित सभी कांग्रेस के विधायक मेज को जोर जोर से पीटते रहे. स्पीकर की रिपोर्टिंग मेज को उलटने की कोशिश की गई. इस तरह से विपक्ष ने सदन की मर्यादा को ही तार-तार कर दिया. इसके बाद सदन की कार्यवाही अगले दिन 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने अभिभाषण के दौरान विपक्ष के शोरगुल की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे संसदीय मर्यादा का उल्लंघन गैर जिम्मेदाराना बताया. उन्होंने कहा कि विपक्ष अभद्रता पर उतारू था. बतौर विधानसभा अध्यक्ष मेरी जिम्मेदारी विपक्ष के विधायकों को संरक्षण देने की है लेकिन उसके लिए अनुशासन में रहना जरूरी है. उन्होंने कहा की विपक्ष के विधायक लगातार कागज फाड़कर आसन की तरफ फेंक रहे थे और उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थी, जिसकी वजह से निलंबन की कार्रवाई की गई. यह कार्रवाई आज तक के लिए थी. विपक्ष के सभी विधायक कल से आम दिनों की तरह सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेंगे.

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तापक्ष नहीं चाहता है कि सदन की कार्यवाही ज्यादा दिन तक चले. इसलिए जानबूझकर भी विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है. सरकार हमें बोलने का मौका नहीं दे रही है. सत्ता पक्ष ऐसा करके विपक्ष को उकसा रहा है ताकि सदन की कार्यवाही को अधिक दिनों तक ना चलाया जा सके.

/राजेश/रामानुज