
जम्मू, 12 मार्च . जम्मू (Jammu) और कश्मीर (Jammu and Kashmir) कला, संस्कृति और भाषा अकादमी के अनुवाद अनुसंधान केंद्र द्वारा के एल सहगल हॉल जम्मू (Jammu) में आयोजित अनुवाद में आधुनिक रुझान विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी संपन्न हुई. दूसरे समापन दिवस पर पेपर रीडिंग के दो सत्र आयोजित किए गए थे. दूसरे दिन के पहले सत्र की अध्यक्षता प्रख्यात डोगरी और हिंदी लेखक और अनुवादक प्रकाश प्रेमी जी ने की. इस सत्र में तीन पेपर प्रस्तुत किए गए. प्राचीन और आधुनिक युग में अनुवाद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पहला पेपर हिंदी भाषा में प्रो. राज कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया था. जम्मू (Jammu) और कश्मीर (Jammu and Kashmir) केंद्र शासित प्रदेश में आधिकारिक अनुवाद की स्थिति और अवसरों पर प्रो. महाराज कृष्ण भरत द्वारा दूसरा पेपर प्रस्तुत किया गया जबकि तीसरा शोध पत्र जगदीप दुबे ने ‘अनुवाद के क्षेत्र में कला, संस्कृति और भाषाओं की जम्मू (Jammu) और कश्मीर (Jammu and Kashmir) अकादमी का योगदान’ विषय पर प्रस्तुत किया.
द्वितीय पत्र वाचन सत्र की अध्यक्षता प्रख्यात हिन्दी एवं डोगरी साहित्यकार डॉ. निर्मल विनोद एवं गोपाल कृष्ण कोमल ने की. इस सत्र में दो पेपर प्रस्तुत किए गए. पहला शोध पत्र डॉ. सपना देवी द्वारा ‘कविता का हिंदी भाषा में अनुवाद’ विषय पर प्रस्तुत किया गया और दूसरा पत्र आशुतोष पराशर द्वारा अनुवाद के इतिहास और महत्व पर प्रस्तुत किया गया.