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तमिलनाडु में घनी आबादी वाले चाय बागान के पास देखा गया टस्कर ‘एरीकोम्बन’

चेन्नई, 19 सितंबर . टस्कर ‘एरीकोम्बन’, जिसे केरल के चिन्नाकनाल से तमिलनाडु के गहरे जंगलों में स्थानांतरित किया गया था, अब तमिलनाडु के मंचोलिल में घनी आबादी वाले चाय बागान के पास वापस आ गया है.

चावल के लिए घरों और राशन की दुकानों में घुसने के बाद टस्कर ने चिन्नाकनाल क्षेत्र में कई समस्याएं पैदा कर दी थीं. चावल के प्रति इसकी रुचि के कारण टस्कर का नाम ‘एरीकोम्बन’ रखा गया. मलयालम में चावल को ‘अरी’ कहा जाता है और ‘कोम्बन’ का अर्थ टस्कर होता है.

हाथी ने चिन्नाकनाल में कुछ लोगों को मार डाला था और अंततः 29 अप्रैल को डॉ. अरुण जकारिया के नेतृत्व में केरल वन विभाग के पशु चिकित्सकों की एक टीम ने उसे बेहोश कर दिया था.

फिर ‘एरीकोम्बन’ को थेनी और कंबुम क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया. लेकिन, हाथी कम्बम शहर तक पहुंच गया और उत्पात मचाया. इस घटना में एक दोपहिया वाहन चालक, पॉलराज, जो एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान में निजी सुरक्षा अधिकारी था, गंभीर रूप से घायल हो गया. चार दिनों तक इलाज के बाद पॉलराज ने दम तोड़ दिया.

इसके बाद तमिलनाडु में हाथी को पकड़ने के लिए हंगामा मच गया और आखिरकार उसे तमिलनाडु के वन विभाग ने बेहाश करके पकड़ लिया. हाथी को कलक्कड़ मुंडनथुराई टाइगर रिजर्व के तिरुनेलवेली वन रेंज के पास स्थानांतरित किया गया और तिरुनेलवेली और कन्नियाकुमारी जिलों में स्थित किया गया.

5 जून से, हाथी को गहरे वन क्षेत्र में स्थानांतरित करने के बाद, तमिलनाडु वन विभाग ने बयान जारी किया कि जानवर जंगल के साथ अच्छी तरह से अनुकूलित हो गया है और भोजन और पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.

लेकिन, मैनचोटिल में चाय बागान के पास, जहां एस्टेट श्रमिकों के 300 से अधिक परिवार रहते हैं, रेडियो कॉलर लगा हाथी अचानक देखे जाने से वहां के लोगों में दहशत फैल गई है.

तमिलनाडु वन विभाग के सूत्रों ने को बताया कि हाथी मानव बस्तियों के भीतर नहीं है और विभाग स्थिति पर नजर रख रहा है.

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