नई दिल्ली, 27 अक्टूबर . ट्रिपल आईटी यानी इन्द्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी दिल्ली (आईआईआईटी- दिल्ली) ने शुक्रवार को अपना 12वां दीक्षांत समारोह किया. समारोह के दौरान 715 ग्रेजुएट्स को सम्मानित किया गया. इनमें अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और डॉक्टोरल प्रोग्राम सफलतापूर्वक पूरा कर लिए हैं.
खास बात यह है कि बीटेक समेत सभी छात्र यहां कुर्ता-पजामा व छात्राएं साड़ी पहनकर डिग्री लेने पहुंची. आईआईआईटी- दिल्ली के मुताबिक इस साल का आयोजन परंपरा से हट कर रहा. संस्थान एक नया कन्वोकेशन परिधान लेकर आया है.
पारम्परिक कोलोनियल रोब एवं हैट के बजाए संस्थान नया एवं सांस्कृतिक रूप से अनुकूल परिधान लेकर आया. ग्रेजुएट छात्रों ने पारम्परिक कुर्ता और स्टोल में राजसी अहसास के साथ गर्व से मंच पर आकर डिग्री ली.
संस्थान के मुताबिक यह बदलाव सांस्कृतिक धरोहर को अपनाने की संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, साथ ही अकादमिक उपलब्धियां में परम्परा के महत्व की भी पुष्टि करता है.
समारोह के दौरान बी.टेक के 452 छात्रों को डिग्री मिली, जिन्होंने विभिन्न विषयों जैसे कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन्स इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साइंस एण्ड अप्लाईड मैथेमेटिक्स, कम्प्यूटर साइंस एण्ड डिज़ाइन, कम्प्यूटर साइंस एण्ड सोशल साइंसेज़, कम्प्यूटर साइंस एण्ड बायोसाइंस, कम्प्यूटर साइंस एण्ड आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स में अपना कोर्स पूरा किया है.
इसके अलावा कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन्स इंजीनियरिंग एवं कम्प्यूटेशनल बायोलोजी में 4 ड्यूल डिग्री होल्डर्स सहित एम.टेक के 237 छात्रों को डिग्री मिली.
साथ ही 26 छात्रों को कम्प्यूटेशनल बायोलोजी, कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन्स इंजीनियरिंग, ह्युमन सेंटर्ड डिज़ाइन, मैथेमेटिक्स एवं सोशल साइंसेज़ एण्ड ह्युमेनिटीज़ में पीएचडी की डिग्री से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर चांसलर एलजी विनय कुमार सक्सेना मौजूद रहे.
उन्होंने कहा कि इस यात्रा में न सिर्फ छात्रों का प्रयास सराहनीय है बल्कि उनके शिक्षक, अभिभावक, मेंटर्स, दोस्त एवं समर्थकों ने भी छात्रों की इस यात्रा को सफल बनाने में योगदान दिया है.
प्रो. रंजन बोस, डायरेक्टर, आईआईआईटी- दिल्ली ने ग्रेजुएट होने वाले छात्रों से कहा, ‘‘ऐसा रास्ता चुनें जो आपको प्रोत्सिहत करता है, अपनी इंटेलेक्चुअल क्षमता को चुनौती दें, अपनी प्रतिभा को पहचान कर उसका सदुपयोग करें, अपने दिमाग का उपयोग उत्पादकता के साथ करें. आपके भीतर का जोश आपको सबसे अलग बनाता है. याद रखें ‘संभव’ और ‘असंभव’ के बीच की रेखा आपको बनानी है, दूसरों को इसे परिभाषित करने का मौका नहीं देना है. सफलता और उत्कृष्टता के बीच भ्रमित न हों, अपने लक्ष्य पर फोकस बनाए रखें.’
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जीसीबी/एबीएम