अवामी लीग के शीर्ष नेता ने बांग्लादेश चुनाव में भारत के ‘हस्तक्षेप’ से किया इनकार

ढाका, 16 मार्च . बांग्लादेश की सत्तारूढ़ अवामी लीग के एक शीर्ष नेता ने शनिवार को देश के चुनाव में भारत के हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज कर दिया. चुनाव इस साल जनवरी में हुआ था, जिसमें जीत के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता में वापसी हुई.

अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर, द्विवार्षिक सम्मेलन में अपने दक्षिण एशियाई पड़ोसी के समर्थन में मजबूती से सामने आए. इस सम्मेलन का उद्घाटन भारतीय उच्चायुक्त प्रणय कुमार वर्मा ने किया.

द डेली स्टार में क्वाडर के हवाले से कहा गया, “हमने चुनाव कराया. भारत ने हस्तक्षेप नहीं किया. विभिन्न देशों के राजदूतों ने अपनी भूमिका निभाई, लेकिन भारत ने नहीं निभाई. उन्होंने (भारत) कहा, ‘बांग्लादेश को ही बांग्लादेश के चुनाव का फैसला करने दें.”

उन्होंने कहा, “दुनिया की कई शक्तियां यहां प्रतिकूल खेल खेलना चाहती थीं. भारत मजबूती से हमारे साथ खड़ा है.”

शेख हसीना ने 12वें संसदीय चुनाव में चौथा कार्यकाल हासिल किया. इस चनाव का विपक्ष ने बड़े पैमाने पर बहिष्कार किया था. बांग्लादेश चुनावों में भारतीय हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए देश में एक बड़े पैमाने पर “इंडिया आउट” अभियान शुरू किया गया था.

विपक्ष और असंतुष्टों ने आरोप लगाया कि पीएम शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग ने भारत के समर्थन से पिछले तीन आम चुनाव जीते, जिसके साथ पारंपरिक रूप से अनुकूल संबंध रहे हैं.

पिछले साल नवंबर में भारत ने कहा था कि वह बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करता है. उसी महीने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय बैठक के ठीक बाद बांग्लादेश चुनाव पर चर्चा हुई थी.

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में बांग्लादेश को भारत का “घनिष्ठ मित्र और भागीदार” बताते हुए कहा कि “जब बांग्लादेश में विकास या चुनाव की बात आती है, तो यह उनका घरेलू मामला रहता है. यह वहां के लोगों के लिए है. बांग्लादेश को अपना भविष्य खुद तय करना है.”

पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली देश का मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनल पार्टी ने चुनावी फैसले को मानने से इनकार कर दिया है.

चुनाव की तैयारी में 12 से ज्‍यादा हमले हुए और आगजनी की घटनाएं हुईं, विपक्षी पार्टी के हजारों समर्थकों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बड़ी संख्‍या में गिरफ्तारियां हुईं.

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