कोलकाता, 21 नवंबर . पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस का एक साल का कार्यकाल पूरा होने में सिर्फ दो दिन बचे हैं. राज्यपाल ने मंगलवार को भ्रष्टाचार और हिंसा के दोहरे खतरे की जांच और अंकुश लगाने के लिए राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच तालमेल बनाने पर जोर दिया.
राज्यपाल ने कहा, ”राज्य में हिंसा और भ्रष्टाचार दो सबसे ज्वलंत मुद्दे हैं. इन दोनों खतरों पर अंकुश लगाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. इसी तरह राजभवन ने भी भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए पहल की है.
राजभवन में एक भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ है. भारतीय संविधान और कानूनी व्यवस्था की रक्षा के लिए दोनों संस्थाओं को मिलकर काम करने की जरूरत है.”
बोस 23 नवंबर को राज्यपाल के रूप में अपना प्रथम वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं.
उन्होंने सत्तारूढ़ दल और राज्य सरकार के एक वर्ग के आरोपों का खंडन किया कि राज्यपाल के कार्यालय में कई विधेयकों को रोका जा रहा है.
राज्यपाल ने कहा, “मैंने सारे बिल जारी कर दिए हैं. कुछ विधेयकों के मामले में कुछ स्पष्टीकरण मांगे गए थे जो राज्यपाल के कार्यालय को अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं. राज्यपाल केंद्र और राज्य सरकारों के बीच एक पुल के रूप में कार्य करता है. मैं किसी भी तरह के झगड़े के पक्ष में नहीं हूं. राजभवन और गवर्नर्स हाउस के बीच आपसी समन्वय और समझ होनी चाहिए.”
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्यपाल के कार्यालय के बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं.
राज्यपाल ने कहा, “लेकिन, दोनों संस्थानों को लोगों के हित में काम करने की जरूरत है. संस्थानों को कानूनी प्रावधानों के अनुसार काम करना चाहिए.”
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एमकेएस/एबीएम