
नई दिल्ली (New Delhi), 12 मार्च . लोकसभा (Lok Sabha) अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार (Sunday) को वैश्विक मंच से लंबे समय से चले आ रहे भारत के इस दृष्टिकोण को दोहराया कि सभी वैश्विक मुद्दों का समाधान बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए. उन्होंने सभा को यह जानकारी दी कि भारत की संसद ने हमेशा जलवायु परिवर्तन, महिला-पुरुष समानता, सतत विकास और कोविड महामारी (Epidemic) जैसी समकालीन वैश्विक चुनौतियों पर व्यापक एवं सार्थक वाद-विवाद और विचार-विमर्श किया है.
ओम बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि शांति, सद्भाव और न्याय का प्रसार करने वाली वैश्विक संस्थाएं शांति, समृद्धि, स्थिरता और न्यायोचित विश्व व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं. ओम बिरला ने अंतर-संसदीय संघ की 146वीं सभा के दौरान हुई आम बहस में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और समावेशी समाज को बढ़ावा देना: असहिष्णुता के विरुद्ध लड़ाई विषय पर अपने विचार साझा करते हुए संसद सदस्यों को अपने विचार व्यक्त करने के लिए दिए गए निर्बाध अधिकारों का उल्लेख किया.
लोकसभा (Lok Sabha) अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार में और देरी नहीं की जा सकती है. इस विषय को भविष्य के वैश्विक एजेंडे में शामिल किया जाए ताकि हम जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, गरीबी, महिला-पुरुष समानता एवं आतंकवाद जैसी चुनौतियों से निपटने में अधिक योगदान दे सकें.
इससे पहले भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने विभिन्न सत्रों में भाग लिया. पूनमबेन माडम, सांसद (Member of parliament) और आईपीयू के महिला सांसद (Member of parliament) ब्यूरो की सदस्य ने ब्यूरो की बैठक और महिला सांसद (Member of parliament) फोरम के पूर्ण सत्र में भाग लिया. अपराजिता सारंगी, भर्तुहरि महताब और राधामोहन दास अग्रवाल, संसद सदस्य आईपीयू के एशिया प्रशांत समूह की बैठक में शामिल हुए. बैठक के दौरान सारंगी ने पिछले छह महीनों में कार्यकारी समिति की गतिविधियों के बारे में एशिया-प्रशांत समूह के सदस्यों को जानकारी दी. बाद में, समूह ने विभिन्न आईपीयू निकायों में आगामी रिक्तियों के बारे में अपना नामांकन तय किया. सुमलता अंबरीश, सांसद (Member of parliament) को आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद पर उच्च स्तरीय सलाहकार समूह की सदस्यता के लिए समूह द्वारा समर्थन दिया गया.
एशियाई संसदीय सभा ने सभा के दौरान अपनी समन्वय बैठक भी आयोजित की. विष्णु दयाल राम, और डॉ. सस्मित पात्रा, संसद सदस्य उपरोक्त बैठक में शामिल हुए.
/ अनूप