
देहरादून (Dehradun) , 14 मार्च . राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि उत्तराखंड राज्य के कर संग्रह में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. दिसम्बर 2022 तक कुल राजस्व संग्रह 932764 करोड़ रहा है जबकि नौ नवंबर 2000 को राज्य के अस्तित्व में आने के पश्चात वर्ष 2001 में प्राप्त कर संग्रह मात्र 233 करोड़ था. यही वर्ष 21-22 में 56 गुना (guna) बढ़कर 1307786 करोड़ हो गया जबकि माह दिसम्बर तक ही 932764 करोड़ हो गया था.
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि राज्य कर विभाग ने 21-22 में पेट्रोलियम प्रोडक्ट, नेचुरल गैस, शराब पर प्राप्त कर को छोड़ते हुए कुल 8359.08 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जबकि वर्ष 22-23 में दिसम्बर 22 तक कुल 741833 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ जो गत वर्ष के सापेक्ष 11 प्रतिशत कम है. बजट पूर्वानुमान में कहा गया है कि वर्ष 21-22 में दिसम्बर 2021 तक जीएसटी की परिधि से बाहर रखी गई वस्तुओं पर 169222 करोड़ राजस्व अर्जित किया गया जबकि 22-23 में माह दिसम्बर तक 190931 करोड़ राजस्व मिला जो गत वर्ष की सापेक्ष 13 प्रतिशत अधिक है. इसी प्रकार माह दिसम्बर तक राज्य कर विभाग को 9327.65 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ जो गत वर्ष इसी अवधि में प्राप्त राशि से 7 प्रतिशत कम है.
राज्य सरकार (State government) को भारत सरकार से प्राप्त होने वाली प्रतिकर धनराशि की व्यवस्था समाप्त हो चुकी है. वित्त वर्ष 21-22 में दिसम्बर तक राज्य को 4313 करोड़ प्रतिकर की धनराशि मिली, जिसके सापेक्ष 22-23 में प्रतिकर की धनराशि 1790.57 करोड़ रही. इस प्रकार प्रतिकर की धनराशि को छोड़ते हुए वित्तीय वर्ष 21-22 के सापेक्ष 22-23 में राजस्व संग्रह में वृद्धि दिखाई दी है. राज्य सरकार (State government) को 21-22 में जीएसटी से बाहर रखे गए वस्तुओं से 1692.22 करोड़ का राजस्व मिला जबकि 22-23 में माह दिसम्बर तक 1909.31 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ जो 13 प्रतिशत अधिक है.
बिल लाओ इनाम पाओ योजना से जीएसटी को प्रोत्साहित किया जा रहा है. स्टाम्प निबंधन विभाग को 1077.34 करोड़ आय 2021 में हुई थी जो 22 में बढ़कर 1454.6 करोड़ अधिक रही जो 34.96 प्रतिशत अधिक है. कई विभागों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं.
/साकेती/रामानुज