उदयपुर (Udaipur). मस्तिष्क की अंदरूनी धमनी (इंट्रोकेनल वेसल) में रूकावट के कारण लकवाग्रस्त हुए मरीज की जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल में मस्तिष्क को एंजियोप्लास्टी की गई. इसके बाद मरीज लकवा मुक्त होकर पहले जैसे चलते फिरते घर लौटा. इस तकनीक से मस्तिष्क के अंदरूनी हिस्से की एंजियोप्लास्टी देशभर में चुनिंदा हॉस्पीटल में ही संभव हुई है.
डायरेक्टर डॉ. सुरभि पोरवाल ने बताया कि 65 वर्षीय बुजुर्ग को तीन दिन पहले लकवा हो गया था. इस पर परिजन शुरूआती स्तर पर ही उन्हें जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल की इमरजेंसी (Emergency) में लेकर पहुंचे. यहां इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. तरूण माथुर ने मस्तिष्क की एमआरआई व अन्य जांचों के बाद मस्तिष्क की अंदरूनी धमनी में 95 प्रतिशत ब्लॉकेज बताया. इस पर मरीज के मस्तिष्क की एंजियोग्राफी की गई और ब्लॉकेज वाले स्थान पर धमनी में बैलून से रास्ता बनाकर स्टेंटिंग की गई. मस्तिष्क की धमनी में रूकावट दूर होते ही मरीज पहले जैसे स्वस्थ हो गए.
डॉ. तरूण माथुर के अनुसार मस्तिष्क की अंदरूनी धमनी में ब्लॉकेज की एंजियोप्लास्टी जटिल होती है. इसके लिए कोई विशेष स्टेंट नहीं होने से ऐसे केस में ह्दय के ब्लॉकेज में उपयोग होने वाले स्टेंट ही काम लिए जाते हैं. इस तरह की प्रक्रिया पहली बार उदयपुर (Udaipur) में उपयोग की गई जबकि बड़े शहरों में भी चुनिंदा केस में ही काम लिए गए हैं. इस केस में डॉ. तरूण माथुर के साथ निश्चेतना विभाग से डॉ. तरूण भटनागर भी साथ रहें.