
उदयपुर (Udaipur), 12 मार्च . शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने शिक्षकों की लम्बे समय से आ रही समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन का आगाज कर दिया है. आंदोलन के पहले चरण के तहत राज्य के सभी विधायकों को ज्ञापन देने के बाद अब दूसरे चरण के रूप में जागरूकता अभियान शुरू किया गया है. यदि सरकार शिक्षकों की समस्याओं को नहीं सुनती है तो सितम्बर में प्रदेश भर में रैलियां निकाली जाएंगी.
शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिलाध्यक्ष (उदयपुर (Udaipur) प्रथम) पुष्पेन्द्र सिंह झाला ने रविवार (Sunday) को उदयपुर (Udaipur) में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि शिक्षा जैसे संवदेनशील विषय में राष्ट्र के भविष्य पर पड़ने वाले दूरगामी नकारात्मक प्रभावों की सरकार लगातार उपेक्षा कर रही है. संगठन द्वारा बार-बार आग्रह करने व लोकतान्त्रिक तरीके से विरोध प्रकट करने के उपरान्त भी सरकार ने न तो संगठन से कोई संवाद स्थापित किया और ना ही अपने स्तर पर कोई कार्यवाही की है. संगठन ने गत वर्षों में निरन्तर राज्य सरकार (State government) के समक्ष सभी स्तरों एवं माध्यमों द्वारा सम्पर्क कर विभिन्न शिक्षक समस्याओं के निराकरण के लिए आग्रह किया किन्तु राज्य सरकार (State government) ने उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाते हुए समस्याओं को हल करने का कोई सार्थक प्रयास नहीं किया.
इससे व्यथित और आक्रोशित होकर राज्य के शिक्षक अब आन्दोलन की राह अपनाने को विवश हो गए हैं.
उन्होंने 11 सूत्रीय मांगपत्र के बारे में बताया कि इसमें वेतन विसंगतियों के निराकरण के लिए गठित सावंत एवं खेमराज कमेटी की रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक कर लागू करनेएवं विभिन्न वेतन विसंगतियों का तत्काल निवारण करने की मांग की गई है. समस्त राज्य कर्मचारियों को 8-16-24-32 वर्ष पर एसीपी का लाभ देकर पदोन्नति पद का वेतनमान प्रदान करने, एनपीएस कार्मिकों के लिए लागू हुई पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की समस्त तकनीकी खामियों को दुरुस्त करते हुए एनपीएस फण्ड की जमा राशि शिक्षकों को देने के साथ-साथ जीपीएफ 2004 के खाता नम्बर तत्काल जारी करने की मांग की गई है. संपूर्ण सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि केवल एक बार एक वर्ष के लिए हो तथा नियमित वेतन श्रृंखला में फिक्सेशन के समय परिवीक्षा अवधि को भी जोड़ने, शिक्षा विभाग की ऑनलाइन निर्भरता को ध्यान में रखते हुए राज्य के समस्त शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को मासिक इंटरनेट भत्ता तथा एंड्राइड फोन उपलब्ध कराने का मुद्दा भी मांगपत्र में शामिल है.
संघ के उदयपुर (Udaipur) द्वितीय जिलाध्यक्ष डायालाल कलाल ने बताया कि राज्य कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के समय तीन सौ उपार्जित अवकाशों की सीमा को समाप्त करने तथा सेवानिवृत्ति के पश्चात 65, 70 एवं 75 वर्ष की आयु पूर्ण पर क्रमशः 5, 10 व 15 प्रतिशत पेन्शन वृद्धि करने की मांग की गई है.
उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में की जा रही संविदा आधारित नियुक्ति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाकर नियमित भर्ती से ही पद भरे जाने की मांग की गई है. अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में शिक्षकों के सवाल पर उन्होंने कहा कि इन स्कूलों के लिए कोई बजट अलग से नहीं दिया गया है. कई बालिका विद्यालय अंग्रेजी माध्यम के कर दिए गए हैं और माध्यम रूपांतरण के चलते हिन्दी माध्यम के विद्यालय बंद हो गए हैं. अंग्रेजी माध्यम के लिए शिक्षकों का अलग कैडर भी जरूरी है जिस पर सरकार को तुरंत काम करना चाहिए, वर्ना ये स्कूल सिर्फ नाम के अंग्रेजी माध्यम के रह जाएंगे.
इनके साथ ही अध्यापक संवर्ग के स्थानान्तरण पर तत्काल प्रतिबन्ध हटाने, स्पष्ट स्थानान्तरण नियम बनाने, गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से मुक्ति, वर्तमान में जारी जनाधार अधिप्रमाणीकरण एवं डीबीटी योजना के लिए शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को जारी हो रहे अनावश्यक कारण बताओ नोटिस तत्काल प्रभाव से बन्द करने एवं जारी नोटिस वापस लेने की भी मांग की गई है. इसी तरह, तीन संतान होने पर राज्य कर्मचारियों को पदोन्नति केन्द्र सरकार के नियम लागू करने की भी जरूरत बताई गई है.
संघ की प्रदेश अनुशासन समिति के सदस्य सुंदरलाल जैन ने कहा कि शिक्षकों की यह समस्याएं लम्बे समय से हैं, जिनका समाधान यदि सरकार चाहे तो एक निश्चित समयावधि में कर सकती है. उन्हें चिंता है कि जिन शिक्षकों के जीपीएफ खातों के नंबर ही उपलब्ध नहीं हुए हैं, उन्हें सेवानिवृत्ति पर कितना परेशान होना होगा.
ा कौशल