

हास्य कवि सम्मेलन में श्रोताओं ने लगाई डुबकी
मीरजापुर, 13 मार्च . जमालपुर के सहिजनी खुर्द गांव में रविवार (Sunday) की रात हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ राजेंद्र प्रसाद की सरस्वती वंदना से हुआ. अध्यक्षता बल्लूराम मौर्य ने की.
चकिया चंदौली से आए बंधुपाल बंधु ने नशेड़िन के चक्कर में खेला खूब भईल, अबकी की होली शराबै में बीत गईल.” सोनभद्र से आए गोपाल कुशवाहा ने ”प्रेम पूजा है आशा है विश्वास है, प्रेम मन में बसे ईश का वास है.” मुगलसराय चंदौली से आए रोहित पांडेय ने ”आप के प्यार से मैं निखर जाऊगा, बिन मोहब्बत के मैं बिखर जाऊंगा.”
इसी तरह स्थानीय कवि डा. सुरेंद्र सिंह ने ”रंगों की बहार है अब आ भी जाइए, छोड़िए तकरार-अब आ भी जाइए, सुनाकर लोगों को सारी रात गुदगुदाया. गाजीपुर से आए राजनरायण सिंह दिलदार ने ”गईले के हमरा तू पीछे पतछइबै, खटमिठ गीतियां दफन हो जाई.” चुनार से आए बी प्रसाद ने ”मुंह झउसऊवां बाई चढ़वना का हमसे बतिआई, मन करेला पानी पी-पी के गरिआई एवं स्थानीय कवि प्रमोद कुमार निर्मल ने ”संग मोदी के सियासत करना चाहता हूं, तल पकौड़े पीएम बनना चाहता हूं. कवि की इस व्यंग रचना को सुनकर उपस्थित लोगों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया.
इसी तरह अशोक प्रियदर्शी, यथार्थ विष्णु, राधेश्याम पाल, छोटेलाल सिंह मनप्रीत, सुनील चौचक, राजेश विश्वकर्मा आदि कवियों ने भी अपनी रचनाएं सुनाई. संचालन नाथ सोना (Gold)ंचली ने किया.
/गिरजा शंकर