
देहरादून (Dehradun) , 14 मार्च . कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के विधायकों के निलम्बन को अलोकतांत्रिक बताते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण से विधायकों के निलम्बन को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की है.
पार्टी के 15 विधायकों के निलम्बन पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि अलोकतांत्रिक तरीके से विपक्षी दल के सभी विधायकों के निलम्बन की कार्रवाई का उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस पुरजोर विरोध करते हुए इसकी कठोर शब्दों में निन्दा करती है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के सभी मानकों और मापदण्डों पर कुठाराघात कर कांग्रेस पार्टी के उन विधायकों को, जो प्रदेश की जनता के हितों की रक्षा और उन्हें जनता ने जो कर्तव्य निर्वहन की जिम्मेदारी दी है, उसके अनुसार सरकार को चेताने का काम कर रहे थे, उनको विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है. यह भाजपा के फांसीवादी और तानाशाही चरित्र का द्योतक है, जिसे लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी दल सहन नहीं करेगा.
माहरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सदैव लोकतंत्र में गहरी आस्था रही है. पार्टी विधानसभा सदन की कार्रवाई में विश्वास रखती है, इसलिए कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से जनहित के मुद्दों को सदन के उठाना चाहती है. उन्होंने ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने गौतम अडानी मामले में जे.पी.सी. गठित किये जाने, 100 करोड़ हिन्दुओं की आस्था के केन्द्र जोशीमठ के पुनरुद्धार एवं प्रभावितों के विस्थापन को राहत पैकेज की घोषणा किये जाने, प्रदेश में हुए सभी भर्ती घोटालों की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में CBI से कराये जाने, प्रदेश में सभी खाली पड़े सरकारी सेवा के पदों को तत्काल भरे जाने, प्रदेश के गन्ना किसानों का बकाया भुगतान शीघ्र किये जाने और प्रदेश की ध्वस्त पड़ी कानून व्यवस्था दुरुस्त किये जाने आदि की मांग को लेकर 13 मार्च को गैरसैंण में विधानसभा का घेराव किया था.
इन्हीं जनहित के मुद्दों को कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा विधानसभा सदन में उठाया जा रहा है. कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने विशेषाधिकार के तहत जनहित का मामला सदन में उठाया गया, जिसके लिए कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों को सदन से निलम्बित कर दिया गया है.
/ साकेती