
जम्मू, 12 मार्च . शिवसेना हिंदुस्तान जम्मू-कश्मीर ने रविवार (Sunday) को सरकार द्वारा सम्पत्ति कर लगाने के फैसले का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया गया. कार्यकर्ताओं ने अध्यक्ष पंडित राजेश केसरी के नेतृत्व में सरकार का पुतला भी फूंका. केसरी ने कहा कि आम जनता पहले से ही बुनियादी वस्तुओं की उच्च मुद्रास्फीति का खामियाजा भुगत रही है और अब कर के बाद लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर लगाने की निंदा और विरोध करते हुए, केसरी ने फैसले को पूरी तरह से गलत बताया. उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर जम्मू-कश्मीर के लोगों का शोषण कर रही है, जो पहले से ही सबसे ज्यादा बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं और उनमें से ज्यादातर गरीब हैं और अभी तक कोविड-19 (Covid-19) से उबर नहीं पाए हैं.
केसरी ने कहा कि वास्तव में यह सरकार हिटलर की नीति अपना रही है. उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को कर देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. बिजली की दरें बढ़ाई जा रही हैं. दुकानदारों से पैसा वसूल कर रही है. वृद्धावस्था पेंशन के लिए लोगों को परेशान किया जा रहा है. यहां कोई औद्योगिक काम नहीं है, जम्मू (Jammu) में छोटे दुकानदार, ऑटो रिक्शा, मेटाडोर टैक्सी वाले जानते हैं कि ये लोग माता वैष्णो देवी या भोलेनाथ अमरनाथ यात्रा पर ही निर्भर हैं. सरकार को समझना चाहिए कि ये यात्राएं दो-तीन साल से बंद हैं. इससे ये लोग 10 साल पीछे चले गए हैं और उल्टे सरकार इन पर टैक्स लगा रही है. केसरी ने कहा कि सरकार कर लगाने के सभी आदेश वापस ले, नहीं तो अगले चुनाव में सरकार को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ेगा. इस अवसर पर उपस्थित लोगों में प्रमुख रूप से बलदेव कुमार, सुरेश कुमार, बलवीर फौजी, राजेश कुमार, दर्शना देवी, ज्योति देवी, रजनी के अलावा अन्य शामिल हैं.