
जयपुर (jaipur), 13 मार्च . जिलेभर में बुधवार (Wednesday) को शीतला अष्टमी (बास्योड़ा) का पर्व परंपरागत रूप से हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाएगा. इस मौके पर चाकसू स्थित शील की डूंगरी, चंदलाई व नायला सहित कई स्थानों पर मेले भरेंगे. लोग बुधवार (Wednesday) सुबह माता को शीतल व्यंजनों का भोग अर्पण कर ठंडा भोजन ग्रहण करेंगे. इसके लिए महिलाएं आज से ही पकवान बनाने की तैयारियों में जुटी हुई है. महिलाएं माता के माता के भोग के लिए विविध पकवान बनाएंगी. घर-घर पकवान बनाए जा रहे है. इसके चलते घर-घर पकवानों की खुशबू महक रही हैं.
चैत्र कृष्ण अष्टमी बुधवार (Wednesday) को शीतलाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. इससे पूर्व मंगलवार (Tuesday) को घर-घर में रांधा पुआ पर विभिन्न पकवान बनाए जाएंगे. महिलाएं मंगलवार (Tuesday) को माता के भोग के लिए कांजी बड़ा, मोहनथाल, गुंजिया, पेठे, सकरपारे, पूड़ी, पापड़ी, हलुआ, राबड़ी, घाट आदि व्यंजन बनाने में व्यस्त रहेंगी. वहीं मंगलवार (Tuesday) को रांधा पुआ होने से भोग और पूजन की सामग्री की खरीदारी के चलते सुबह से ही शहर में रौनक नजर आ रही. बाजार में मटके, कलश एवं सराई बिक्री के लिए फुटपात पर दुकाने लगी हुई है. शीतला माता के ठंडे पकवानों का भोग लगाने के बाद सभी लोग परंपरा के अनुसार शीतल भोजन करेंगे.
महिलाएं तड़के गीत गाते हुए शीतला माता के मंदिरों में भोग लगाएंगी और पत्थवारी पूजेंगी. शीतला माता के मंदिरों में भीगे हुए मूंग, मोठ, चने, पुआ-पकौड़ी, दही, राबड़ी सहित विभिन्न ठंडे पकवानों का भोग लगाएगी. नवविवाहिताएं विशेष तौर पर पकवान (कंडवारा) लेकर मंदिर जाएगी. शीतला माता के ठंडे पकवानों का भोग लगाने के बाद सभी लोग परंपरा के अनुसार ठंडा भोजन करेंगे. इस दिन घरों में चूल्हे नहीं जलेंगे. मान्यता के अनुसार शीतला माता के पूजन और ठंडा भोजन करने से माता प्रसन्न होती है और शीतला जनित रोगों का प्रकोप कम होता है.
चाकसू में बुधवार (Wednesday) को भरेगा शीतला माता का मेला
चाकसू स्थित शील की डूंगरी पर बुधवार (Wednesday) को शीतला माता का मेला लगेगा. जयपुर (jaipur) एवं आस-पास के जिलों के हजारों श्रद्धालु मेले में आएंगे. लोग शीतला माता को भोग अर्पण करने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर परिवार सहित मंगलवार (Tuesday) रात से ही शील की डूंगरी पहुंचना शुरू हो जाएंगे. शीतला माता के मेले में साफ सफाई, बेरिकेड्स, लाइट्स लगाने सहित अन्य काम पूरे कर लिए गए है. मेले की सुरक्षा व्यवस्था पुलिस (Police) के जवान संभालेंगे. इसके अलावा कानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आरएसी की एक बटालियन भी तैनात की जाएगी. वहीं असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए जगह जगह सीसी टीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. मेले में घुड दौड़, ऊंट दौड़ सहित अन्य कई प्रतियोगिताएं भी आयोजन होगा. वहीं यहां लगने वाले हाट बाजार में ग्रामीण खरीदारी करेंगे. इस मेले में करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. उधर नायला एवं चंदलाई में भी शीतला माता का मेला भरेगा.
पक्की गणगौर की होगी पूजा शुरू
इधर शीतला अष्टमी के दिन से ही पक्की गणगौर की पूजा शुरू हो जाएगी. पहले दिन बालिकाओं की दूल्हा-दुल्हन बने हुए की बारात निकाली जाएगी. यह बारातें आस-पास के बाग-बगीचा में पहुंचेगी. यहां विवाह जैसी ही रस्में भी होंगी. इन्हें शिव व पार्वती के रूप में ही देखा जाता है. साथ ही गणगौर पूजन करने वाली महिलाएं प्रति दिन शाम को गणगौर के गीत गाएंगी और स्वांग की रचाया जाएगा. विवाह के आयोजन की तरह ही महिलाओं की ओर से गणगौर की बिंदोरी निकाली जाएगी. इसमें उत्सव मनेगा और मिठाइयां बांटी जाएंगी. शीतलाष्टमी को गणगौर पूजन करने वाली महिलाएं कुम्हार के घर से मिट्टी लाकर गणगौर बनाकर पूजन करेंगी.
/दिनेश