वर्तमान परिपेक्ष्य में प्रभावी शिक्षण का बहुत महत्व है. प्रभावी शिक्षण को कई तरह से परिभाषित किया जा सकता है, जिसमें शिक्षक व्यवहार (गर्मजोशी, सभ्यता, स्प्ष्टता), शिक्षक ज्ञान (विषय वस्तु का, छात्रों का) शिक्षक विश्वास आदि शामिल है. पेसिफिक इंस्टीट्युट ऑफ मैनेजमेन्ट, पेसिफिक बिजनेस स्कूल एवं इंडियन सोसायटी फॉर ट्रेनिंग एवं डवलपमेंट के तत्वावधान में सात दिवसीय ऑनलाईन फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट, पेसिफिक विश्वविद्यालय कि डीन प्रो. महिमा बिड़ला ने प्रभावी शिक्षण का परिचय देते हुए करा.
प्रो. बिड़ला ने कार्यक्रम की शुरूआत प्रभावी शिक्षण में आकर्षक व्यक्तित्व को दर्शाते हुए करी. इस अवसर में मुख्य अतिथि प्रो. राजेश्वरी नरेन्द्रन डायरेक्टर एम.बी.ए. एन.टी.पी.सी. स्कुल ऑफ बिजनेस, नोएडा के रूप में अपने विचार व्यक्त किए. प्रो. राजेश्वरी नरेन्द्रन ने बहुत विस्तार से प्रभावी शिक्षा की चर्चा करते हुए बताया कि प्रभावी शिक्षण में शिक्षक का आकर्षक व्यक्तित्व, विषय वस्तु के प्रति लगाव, दूसरों की राय के लिए ग्रहणशील एवं निष्पक्ष और पारदर्शी होना बताया. एक शिक्षक के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू निस्संदेह शिक्षक का विषय वस्तु ज्ञान है.
यह वह तरीका है, जिससे शिक्षक छात्रों को इस विषय के ज्ञान को समझता है, और समझता है. आकर्षक व्यक्तित्व, व्यावहारिक प्रदर्शन, दृश्य विडियों का उपयोग प्रभावी शिक्षण की प्रणालियाँ ही इन चुनौतियों को सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है जो छात्र और शिक्षक के प्रदर्शन को बेहतर बनाने का अवसर बन जाती है. इस कार्यक्रम में श्री प्रणयजानी, चैयरमेन आई.एस.टी.डी., उदयपुर चेपटर भी उपस्थित थे.
कार्यक्रम संयोजक प्रो. दिपिन माथुर ने बताया कि प्रभावी शिक्षण को उजागर करने के लिए एक सप्ताह के फैकल्टी डवलपमेन्ट प्रोग्राम का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम में देश भर के गुजरात, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के विभिन्न संस्थानों के 50 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया. प्रो. सुभाष शर्मा द्वारा सभी उपस्थित अतिथिजन एवं कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया. फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम के प्रथम दिन प्रो. दिपिन माथुर ने अपने वक्तव्य में प्रतिभागियों को शिक्षक की व्यक्तित्व का उसके शिक्षण पर आने वाले प्रभावों के बारे में अवगत कराया एवं विभिन्न मनोवैज्ञानिक टेस्ट के द्वारा प्रतिभागियों की उनकी व्यक्तित्व के बारे में बताया और समझाया कि वे किस तरह अपने व्यक्तित्व को प्रभावी बना छात्रों के व्यक्तित्व एवं अध्यापन को प्रभावी बना सकते हैं.
फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम के द्वितीय दिन करनल सिराज दहलवी ने प्रतिभागियों को संज्ञानात्मक लर्निंग के द्वारा अपने अध्यापन को प्रभावशाली बनाने के गुर सिखाए.
फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम के तीसरे दिन सर पदमपत सिंघानिया युनिवर्सिटी की सहायक आचार्य डा. दिशा माथुर ने प्रतिभागियों को नैतृत्व कौशल एवं संगठनात्मक संस्कृति को समझाया एवं एक शिक्षक को नैतृत्व क्षमताओं को प्रभावी बनाते हुए अपने अध्यापन को किस तरह अधिक व्यवहारिक बनाया जा सकता है, यह बताया एवं सभी प्रतिभागियों को टेस्ट के द्वारा उनकी नैतृत्व क्षमताओं के बारे में बताया. सत्र के दरमियान कई विडियों क्लिप दिखा नैतृत्व कौशलता के बारे में बताया.
चौथे सत्र में जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय की रिटायर्ड प्रो. सुरभी पुरोहित ने अपना वक्तव्य दिया वे मनोविज्ञान के क्षेत्र में जाना माना नाम हैं. उनके व्याख्यान में उन्होेंने प्रतिभागियों को अपने छात्रों के मनोविज्ञान को समझाते हुए बताया कि किस तरह से कक्षा में और उसके बाहर भी छात्रों से जुड़ाव बनाना चाहिए और एक मेंटर की तरह छात्रों को उनके भविष्य को सकारात्मक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए.
पाँचवें और छठे सत्र में प्रो. राजेश्वरी नरेन्द्रन ने शिरकत करी वे वर्तमान में एन.टी.पी.सी. बिजननेस स्कुल, नोएडा की डायरेक्टर है. उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के द्वारा प्रतिभागियों को कई शिक्षाशास्त्र के बारे में बताया एवं अपने अध्यापन के किस तरह अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है. उन तरीकों से अवगत कराया.
सातवें सत्र में धारवाड़ प्रबंधन संस्थान कर्नाटक के डीन प्रो. उत्तम किनानगे ने अपने वक्तव्य में प्रतिभागियों को आई.सी.टी. टुल्स के द्वारा शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि किस तरह आज दुनिया में सूचना प्रौद्योगिकी का विकास हो रहा है. ऐसे में विद्यार्थियों के अध्यापन को भी प्रौद्योगिकी के माध्यम से कराते हुए छात्रों को वैश्विक स्तर के समकक्ष बनाया जाए.
अंतिम दिन समापन सत्र में प्रतिभागियों के फिडबेक लिए गए एवं उन्हें प्रमाणपत्र वितरित किए गए. इस सत्र में विश्वविद्यालय के वर्तमान प्रेसीडेन्ट प्रो. के.के. दवे, फैकल्टी ऑफ मैनेजमेन्ट कि डीन प्रो. महिमा बिड़ला, पेसिफिक बिजनेस स्कुल के डायरेक्टर प्रो. दिपिन माथुर एवं प्रो. सुभाष शर्मा एवं फैकल्टी मेम्बर उपस्थित थे.