
नई दिल्ली (New Delhi), 11 मार्च . साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022 अर्पण समारोह शनिवार (Saturday) को कमानी सभागार में सम्पन्न हुआ. समारोह की अध्यक्षता नवनियुक्त अध्यक्ष माधव कौशिक ने की, जबकि समापन वक्तव्य नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने प्रस्तुत किया. इस समारोह के मुख्यातिथि लब्धप्रतिष्ठि अंग्रेजी लेखक एवं विद्वान उपमन्यु चटर्जी थे.
अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि साहित्य अकादमी का यह मंच विविधता में एकता देखने का सबसे बड़ा उदाहरण है क्योंकि यहां हम उन्हें एकसाथ भारतीय साहित्य की एकात्मकता के रूप में देख सकते हैं. यह सभी लेखक आम आदमी के संघर्षों को हमारे सामने रखते हुए हिंदुस्तान की नब्ज हमारे सामने लाते हैं. उन्होंने कहा कि लेखक चाहे किसी भी भाषा के हो उनके साहित्यिक सरोकार एक से ही है. इस देश का साहित्य हमेशा जीवंत रहा है और रहेगा.
समापन वक्तव्य में अकादमी की नई उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने कहा कि भारत की विभिन्नताओं के बावजूद इसकी जीवंत परंपराओं, इतिहास और स्मृतियों से एक जैसा नाता है. समरसता के सूत्र सारे भारतीय साहित्य को एक बनाते हैं. साहित्य अकादमी के पुरस्कार सृजन की उत्सुकता जगाते हैं. यह परंपरा आगे भी बनी रहनी चाहिए. मुख्यातिथि के रूप में प्रख्यात अंग्रेजी लेखक उपमन्यु चटर्जी ने कहा कि हर लेखक अलग-अलग तरीके से अपने अनुभव व्यक्त करता है लेकिन अनुवाद के माध्यम से जब वह दूसरी भाषाओं में पहुंचता है. तबभी उसकी महत्ता कम नहीं होती है. उन्होंने साहित्य अकादमी की अनुवाद योजना का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक बड़ा काम है और निरंतर जारी रहना चाहिए.
आज के पुरस्कृत रचनाकार थे- मनोज कुमार गोस्वामी (असमिया), तपन बंद्योपाध्याय (बाङ्ला), रश्मि चौधुरी (बोडो), वीणा गुप्ता (डोगरी), अनुराधा रॉय (अंग्रेज़ी), गुलाममोहम्मद शेख (गुजरात (Gujarat)ी), बद्री नारायण (हिंदी), मुडनाकुडु चिन्नास्वामी (कन्नड), फारूक फयाज (कश्मीरी), माया अनिल खंरगटे (कोंकणी), अजित आजाद (मैथिली), एम. थॉमस मैथ्यू (मलयाळम्), कोइजम शांतिबाला (मणिपुरी), प्रवीण दशरथ बांदेकर (मराठी), के.बी. नेपाली (नेपाली), गायत्रीबाला पंडा (सुखजीत (पंजाबी), जर्नादन प्रसाद पाण्डेय ‘मणि’ (संस्कृत), काजली सोरेन ‘जगन्नाथ सोरेन’ (संताली), कन्हैयालाल लेखवाणी (सिंधी), एम. राजेंद्रन (तमिऴ), मधुरांतकम नरेंद्र (तेलुगु), अनीस अशफ़ाक़ (उर्दू). कमल रंगा (राजस्थानी) पुरस्कार ग्रहण करने नहीं आ सके.
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