व्यापक साइबर हमले की जांच सीनेट इंटेलिजेंस कमिटी को सौंपी गई है. कमेटी की सुनवाई से पहले ही नासा और एफएए के नेटवर्क में साइबर हैकरों द्वारा सेंध लगाने की बात सामने आई है. नासा के प्रवक्ता ने हालांकि इस रिपोर्ट का खंडन नहीं किया है, अलबत्ता यह जरूर कहा कि चूंकि अभी जांच चल रही है, इसलिए इस संबंध में विस्तृत जानकारी साझा नहीं की जा सकती है. एफएए के प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया देने के अनुरोध का जवाब नहीं दिया. जिन अन्य संघीय एजेंसियों पर साइबर हमला किया गया हैं, उनमें वाणिज्य, ऊर्जा, मातृभूमि सुरक्षा, न्याय विभाग, खजाना और स्वास्थ्य संस्थान शामिल हैं.
इस तरह के साइबर अटैक का पता पिछले वर्ष चला जब ‘फायर-ई’ ने अपने नेटवर्क में हैकरों द्वारा सेंध लगाने की बात कही थी. साइबर एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ऐनी न्युबर्गर ने कहा कि साइबर अपराधी ‘संभवत: रूसी मूल के’ हैं और उन्होंने अमेरिका के अंदर से ही अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है. हमले को अंजाम देने के लिए हैकरों ने आईटी मैनेजमेंट कंपनी सोलर विंड्स द्वारा बिके ओरियन सॉफ्टवेयर में एक मैलवेयर लगाया था.
न्युबर्गर ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, लगभग 18,000 संस्थाओं ने मैलवेयर को डाउनलोड किया. इसलिए अभी तक हैकिंग के जितने मामलों का पता चला है, वास्विक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है. उन्होंने कहा कि चूंकि हैकरों ने अमेरिका के अंदर से ही हैकिंग शुरू की, इसलिए अमेरिकी सरकार के लिए उनकी गतिविधियों पर नजर रखने में परेशानी हुई.