
डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा- विस्तार का दायरा बढ़ेगा, एक लाख स्थानों पर लगेंगी शाखाएं
हरियाणा (Haryana) के समालखा में अ.भा. प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक में मंथन शुरू
पानीपत, 12 मार्च . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक आज (रविवार (Sunday)) हरियाणा (Haryana) के पानीपत (Panipat) जिले के समालखा स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र पट्टीकल्याणा में शुरू हो गई. बैठक का उद्घाटन सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संयुक्त रूप से किया. बैठक में संघ और उससे जुड़े सभी संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी समेत देशभर के 1400 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.
उद्घाटन के बाद बैठक परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता को सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य और अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने संयुक्त रूप से संबोधित किया. संघ कार्य का उल्लेख करते हुए डॉ. वैद्य ने बताया कि देशभर में 42,613 स्थानों पर 68,651 दैनंदिनी शाखाएं चल रही हैं. पिछले साल तक 36,903 स्थानों पर 60,117 शाखाएं लग रही थीं. साप्ताहिक मिलन मंडली की संख्या 20,826 से बढ़कर 26,877 हुई. संघ मंडली 7,980 से बढ़कर 10,412 हो गई है. उन्होंने बताया कि शताब्दी वर्ष में संघ का कार्य देशभर में एक लाख स्थानों पर पहुंचाने का लक्ष्य है.
डॉ. वैद्य ने कहा कि देश का सारा समाज एक है. सब समान हैं. सब अपने हैं और मुझे समाज के लिए कुछ देना है. इसकी अनुभूति संघ की दैनंदिनी लगने वाली शाखाओं के माध्यम से होती है. बौद्धिक स्तर पर इसको जानने के बाद भी इसका नियमित अभ्यास आवश्यक है. संघ की शाखाएं व्यक्ति निर्माण का केंद्र हैं. इसलिए दैनंदिनी शाखा में जाने का आग्रह रहता है.
सह सरकार्यवाह डॉ. वैद्य ने बताया कि प्रतिनिधि सभा संघ की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई है. इस बैठक में सांगठनिक कार्य का वर्षभर का लेखाजोखा प्रस्तुत किया जाता है और आगामी कार्ययोजना पर विचार किया जाता है. यह बैठक वर्ष में एक बार होली के आसपास होती है. उन्होंने बताया कि इस बैठक में एक प्रस्ताव पारित होगा. हम स्वाधीनता का अमृत महोत्सव तो कर रहे हैं परंतु स्वाधीनता, स्वदेशी, स्वतंत्र में जो ‘स्व’ है, ये भारत के ‘स्व’ के प्रकाश में भारत के विकास की नीतियां बनें. इस भारत को ‘स्व’ के प्रकाश में आगे बढ़ने के लिए समाज का सहभाग बढ़े. ये ‘स्व’ क्या है? इस दृष्टि से समाज को क्या करना चाहिए? इसके बारे में आह्वान करने वाला प्रस्ताव बैठक में पारित होगा.