
राजसमंद, 14 मार्च . राजसमंद की सांसद (Member of parliament) दीया कुमारी ने उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय निकायों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में लैंगिक समानता के लिए वैश्विक अपील की है. उन्होंने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी महिलाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है.
दीया कुमारी बहरीन में अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) में 146वीं असेंबली मीटिंग को संबोधित कर रही थीं. वे संयुक्त राष्ट्र मामलों की स्टेंडिंग कमेटी की सदस्य हैं. राजसमंद सांसद (Member of parliament) ने कहा कि आज महिलाएं सभी क्षेत्रों में निर्णय ले रही हैं. महिलाओं का सशक्तीकरण और उन्हें निर्णय लेने में शामिल करना दुनिया भर में समान और सतत विकास सुनिश्चित करने का सबसे प्रभावी तरीका है.
दीया कुमारी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में भारत सरकार महिला सशक्तीकरण को उस स्तर पर ले गई है जहां महिलाएं विकास का नेतृत्व कर रही हैं. यहां महिलाएं निष्क्रिय प्राप्तकर्ता होने के बजाय विकास प्रक्रिया का नेतृत्व करती हैं. उन्होंने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास था कि दृष्टिकोण, मानसिकता, संस्थानों और कानूनी ढांचे में बदलाव लाए बिना लैंगिक समानता हासिल नहीं की जा सकती है. एक सांसद (Member of parliament) के रूप में उन्होंने कहा कि दुनिया भर में सरकारों के पास एक ऐसा कार्यबल होना चाहिए जो जेंडर बैलेंस को दर्शाता हो.
सांसद (Member of parliament) ने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि सांसदों को अपने संबंधित देशों द्वारा वॉलेंटरी नेशनल रीव्यू (वीएनआर) प्रस्तुत करने में अधिक भागीदारी करनी चाहिए. उन्होंने यह भी आग्रह किया कि विभिन्न देशों की संसद सर्वोत्तम कार्यशैलियों को साझा करना चाहिए, जो सांसदों की भागीदारी में मदद करती हैं ताकि अन्य भी इसका पालन कर सकें और दोहरा सकें. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि संयुक्त राष्ट्र में भारत की वर्तमान स्थायी प्रतिनिधि एक महिला है.
ा कौशल