राधां पुआ आज: शीतलाष्टमी कल,शील की डूंगरी में भरेगा मेला

राधां पुआ आज: शीतलाष्टमी कल,शील की डूंगरी में भरेगा मेला

जयपुर (jaipur), 14 मार्च . चैत्र कृष्ण अष्टमी बुधवार (Wednesday) शीतलाष्टमी (बास्योड़ा) का पर्व मनाया जाएगा. इससे पूर्व मंगलवार (Tuesday) को रांधा पुआ पर विभिन्न पकवान बनाए जा रहे है. इसके लिए बाजारों में मिट्टी के बर्तन और अन्य पूजन सामग्री खरीदी गए. दही जमा कर राबड़ी, कड़ी, पकौड़ी, बेसन की चक्की, पुए, पूड़ी, बाजरे की रोटी और विशेष सब्जी बनाई जा रही है. महिलाएं बुधवार (Wednesday) तडक़े गीत गाते हुए पत्थवारी पूजेंगी और शीतला माता के मंदिरों में भीगे हुए मूंग, मोठ, चने, पुआ-पकौड़ी, दही, राबड़ी सहित विभिन्न्न ठंडे पकवानों का भोग लगाएंगी. नवविवाहिताएं विशेष तौर पर कंडवारा लेकर मंदिर जाएगी.

चाकसू स्थित शील की डूंगरी स्थित शीतला माता के मंदिर में परंपरागत मेला भरेगा. मंदिर शीतला माता ट्रस्ट के महामंत्री लक्ष्मण प्रजापति ने बताया कि 14-15 मार्च को दो दिन मेला भरेगा. जयपुर (jaipur) एवं आसपास के जिलों के हजारों श्रद्धालु मेले में आएंगे. शीतलाष्टमी को घरों में चूल्हे नहीं जलेंगे. ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि शीतलाष्टमी को ठंडा भोजन खाने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक तथ्य है. माता शीतला को शीतल ठंडे व्यंजन और जल पसंद है. इससे मां शीतला प्रसन्न होती है और श्रद्धालुओं को निरोग होने का वरदान देती है. वहीं शीतलाष्टमी से गर्मी का दौर शुरू हो जाता है. नेत्र संबंधी रोगों को दूर करने के लिए विशेष महत्व है. शीतलाष्टमी को गणगौर पूजन करने वाली महिलाएं कुम्हार के घर से मिट्टी लाकर गणगौर बनाकर पूजन करेंगी.

सैनी