
जयपुर (jaipur), 12 मार्च . उदयपुर (Udaipur) सहित राज्य के तीन आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों में प्रिंसिपल पदों पर नियुक्ति कर दी गई है. पिछले दिनों साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं.
मेडिकल शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेशों में कोटा (kota) मेडिकल कॉलेज में डॉ. संगीता सक्सेना (सीनियर प्रोफेसर रेडियोडायग्नोसिस), उदयपुर (Udaipur) आरएनटी मेडिकल कॉलेज में डॉ. विपिन के. माथुर (सीनियर प्रोफेसर गेस्ट्रोएन्ट्रोलोजी) और अजमेर (Ajmer) कॉलेज में डॉ. वीर बहादुर सिंह (सीनियर प्रोफेसर मेडिसिन) को प्रिंसिपल बनाया गया है.
इन तीनों मेडिकल कॉलेजों में प्रिंसिपल पद के लिए प्रदेशभर से 32 डॉक्टरों (Doctors) ने इंटरव्यू दिए थे. इन सभी डॉक्टर्स का साक्षात्कार मुख्य सचिव उषा शर्मा, मेडिकल हैल्थ डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव टी.रविकांत, आरयूएचएस के कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी और कार्मिक विभाग के सचिव हेमंत गेरा ने लिया था. साक्षात्कार के लिए कोटा (kota) और उदयपुर (Udaipur) मेडिकल कॉलेजों में प्रिंसिपल के लिए 3-3 डॉक्टरों (Doctors) के नाम का पैनल भेजा गया, जबकि अजमेर (Ajmer) के लिए दो डॉक्टरों (Doctors) के नाम का पैनल भेजा गया.
इन तीनों में से अजमेर (Ajmer) में डॉ. वीर बहादुर सिंह को दोबारा प्रिंसिपल बनाया गया है. इनके दोबारा प्रिंसिपल बनने की खबर आने बाद मामला चर्चित हो गया है. बताया जा रहा है कि इनकी कार्यशैली पर पूर्व में भी सवाल उठे हैं. साथ ही अजमेर (Ajmer) मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पद के लिए महज दो चिकित्सकों का ही पैनल बनाने पर भी सवाल उठे रहे हैं.
डॉ. वीर बहादुर का एक साल का कार्यकाल भी बढ़ाया गया था. ऐसे में यह चर्चा सामने आ रही है कि एक ही व्यक्ति को बार-बार प्रिंसिपल बनाया जाएगा तो दूसरे सीनियर डॉक्टर्स को मौका कब मिलेगा.
ा कौशल