
गांधीनगर (Gandhinagar) में बैठक के बाद लिया गया निर्णय
अहमदाबाद (Ahmedabad), 14 मार्च . गुजरात (Gujarat) की शक्तिपीठ अंबाजी में प्रसाद का विवाद फिलहाल थम गया है. राज्य सरकार (State government) ने यहां मोहनथाल और चिक्की दोनों को प्रसाद के रूप में वितरित करने की अनुमति प्रदान की है. इससे पूर्व यहां के परंपरागत प्रसाद मोहनथाल को बंद करा कर चिक्की प्रसाद शुरू करने पर विवाद शुरू हो गया था.
राज्य सरकार (State government) के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मंगलवार (Tuesday) को एक बैठक आयोजित की. इस संबंध में बनासकांठा जिले की दांता तहसील स्थित अंबाजी मंदिर के प्रसाद के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय किया गया. इसके तहत मंदिर में परंपरागत मोहनथाल के साथ-साथ चिक्की का प्रसाद भी चालू रहेगा.
सरकार की घोषणा के साथ ही माता भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई. राज्य सरकार (State government) के प्रवक्ता मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि माता भक्तों और संगठनों की आस्था को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है. अंबाजी में प्रसाद के स्वरूप में मोहनथाल और चिक्की दोनों दिया जाएगा. साथ ही मोहनथाल की गुणवत्ता को और बेहतर किया जाएगा. यह प्रसाद कौन तैयार करेगा, इस बारे में मंदिर ट्रस्ट निर्णय करेगा. मोहनथाल के संबंध में निर्णय आने पर विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इसकी सराहना की है.
ऋषिकेश पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) भूपेन्द्र पटेल की मौजूदगी में इस पर चर्चा की गई. धार्मिक संस्था के लोगों की मानना है कि प्रसाद के रूप में मोहनथाल ही मिले, पिछले 35 वर्ष से मोहनथाल का प्रसाद ही मिलता रहा है. मोहनथाल की अच्छी गुणवत्ता, अच्छी पैकिंग के साथ दूसरे राज्य में भेज सकने जैसा प्रसाद बनाने पर चर्चा हुई. राज्य भर के श्रद्धालुओं, संतों की मांग थी कि मोहनथाल का प्रसाद बांटा जाए. मोहनथाल के प्रसाद में चीनी, घी और बेसन आदि की मात्रा का भी प्रसाद के पैकेट में उल्लेख किया जाएगा.
मंत्री ने बताया कि अच्छी से अच्छी कंपनी जो अच्छा प्रसाद दे सके उसके लिए कलक्टर के साथ बैठक कर टेंडर प्रक्रिया की जाएगी. बैठक में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल समेत अंबाजी मंदिर के बटुक महाराज, साधु-संत शामिल हुए.
/ बिनोद पांडेय