








भीलवाड़ा (Bhilwara), 12 मार्च . रामस्नेही संप्रदाय के फूलडोल महोत्सव का समापन रविवार (Sunday) को रामनिवास धाम की बारादरी में संतो व हजारों भक्तों की उपस्थिति में आचार्य रामदयालजी महाराज के चार्तुमास की घोषणा के साथ हुआ. आचार्य रामदयालजी महाराज का आगामी चार्तुमास इन्दौर (Indore) मप्र में होगा. आज महोत्सव के अंतिम दिन पूर्व चार्तुमास की विनती करने के लिए इन्दौर, रेलमगरा, कैथुन, जयपुर (jaipur), पुष्कर, महाजनपुरा(मालपुरा), नई दिल्ली (New Delhi), शाहपुरा (भीलवाड़ा (Bhilwara)) आदि 9 शहरों की ओर से पेश की गई अरजियों का वाचन संतों की ओर से किया गया.
दोपहर ठीक 12.15 बजे अभिजीत मुहर्त में आचार्य द्वारा शाहपुरा में चार्तुमास की घोषणा करते ही रामनिवास धाम परिसर में मौजूद हजारों भक्तजनों में उत्साह का संचार व्याप्त हो गया. इन्दौर (Indore) के भक्तों ने आचार्य से चार्तुमास की स्वीकृति स्वरूप गोटकाजी को प्राप्त किया तथा संत की अगुवाई में उसका गुलाल खेलते हुए जुलूस निकाला. इस दौरान वहां के भक्तों ने एक दूसरे को रंग, अबीर व गुलाल से सरोबार कर दिया.
उल्लेखनीय है कि इस दौरान बारादरी में भक्तजनों का अनुनय विनय करने के दौरान उनके भावो में करूणा तथा बाद में शोभायात्रा के सुरजपोल पहुंचने पर वहां सुरजपोल से आचार्य द्वारा अभिवादन करने का दृश्य वात्सल्यपूर्ण दिखा. यहां करीब 20 मिनट तक आचार्य जनता व भक्तों का हाथ हिलाकर अभिवादन करते रहे.
इस बार 253 वें फूलडोल महोत्सव के दौरान शोभायात्रा में चढ़ावे के रूप में 351 व्यंजन पेश किये गये. ये व्यंजन भक्तजन थाल में अपने सिर पर लेकर चले. उल्लेखनीय है कि महाप्रभु रामचरण महाराज के समय प्रमुख शिष्या सरूपाबाई ने एक बार 398 व्यंजन प्रस्तुत किये थे. आज शोभायात्रा में थाल सिर पर लेकर चलने वालों की संख्या पांच सौ से ज्यादा हो गयी थी,इसमें भक्तजनों के उत्साह को देखते हुए संख्या बढती गया.
देश विदेश के विभिन्न अंचलों से करीब 50 हजार भक्त जनों ने रामस्नेही संप्रदाय के वार्षिकोत्सव फुलडोल महोत्सव में अपनी उपस्थिति दी. आस पास के गावों से भी हजारों लोग भजन गाते हुए व लोक नृत्यों की प्रस्तुति देते हुए महोत्सव में पहुंचे. शाहपुरा के ग्रामीण अंचलों से भी हजारों की तादाद में यहां पहुंच कर नगर पालिका द्वारा लगाये गये अस्थाई मेले में डोलरों, चकरी का आनंद लिया. आस्था के ज्वार में भक्तों का सैलाब राजस्थान (Rajasthan) के अलावा गुजरात (Gujarat), महाराष्ट्र, पंजाब, मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) , हरियाणा (Haryana) , दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड के अलावा सिंगापुर व वियतनाम से पहुंचा.
/मूलचन्द पेसवानी