हिसार : बिजली निगम को पैसे लौटाने, पटवारी की वेतन वृद्धि रोकने के आदेश

जनता दरबार में हंगामा करते बुजुर्ग व शिकायतें सुनते मुख्यमंत्री.
जनता दरबार में हंगामा करते बुजुर्ग व शिकायतें सुनते मुख्यमंत्री.

मुख्यमंत्री (Chief Minister) बोले, निगम की गलती का खामियाजा उपभोक्ता नहीं भुगतेगा

जनता दरबार में बुजुर्ग ने किया हंगामा, कई मामलों में अधिकारियों को पड़ी फटकार

हिसार, 12 मार्च . मुख्यमंत्री (Chief Minister) मनोहर लाल द्वारा रविवार (Sunday) को यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सभागार में लगाए गए जनता दरबार में कहीं अधिकारियों को खरी खोटी सुननी पड़ी तो कहीं शिकायतकर्ता नाराज नजर आए. कई मामलों में देरी पर मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने अधिकारियों को लताड़ लगाई. उन्होंने एक पटवारी की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए. इससे पहले मुख्यमंत्री (Chief Minister) नेे हेलिकॉप्टर से एयरपोर्ट का निरीक्षण करते हुए यहां चल रहे कार्यों का जायजा लिया.

जनता दरबार के दौरान जब मुख्यमंत्री (Chief Minister) शिकायतें सुनने के बाद उठकर जाने लगे तो एक बुजुर्ग ने हंगामा कर दिया. बुजुर्ग सीएम को शिकायत देने जा रहा था कि उसे पुलिस (Police) ने रोक लिया. इस पर वह भड़क गया और चिल्लाने लगा. मतलौड़ा निवासी पृथ्वी सिंह ने कहा कि मैं कोई अपराधी नहीं हूं जो इस तरह रोका जाए. उसको चिल्लाता देख मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने उसे पास बुलाया. बुजुर्ग बोला कि पुलिस (Police) ने मेरे साथ धक्का मुक्की की है. इस पर मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि पुलिस (Police) ऐसा न करे. इसी के साथ बुजुर्ग सीएम से बोला कि आपने मेरे खिलाफ लड़ाई छेड़ रखी है. इस पर सीएम बोले कि क्या लड़ाई छेड़ रखी है, कौन सा विभाग है आपका, आप अपनी शिकायत दीजिए. शिकायत लेने के बाद सीएम के इशारे पर सुरक्षा कर्मचारियों ने बुजुर्ग को बाहर कर दिया.

एक अन्य शिकायत की सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने नारनौंद के एक शिकायकर्ता जसबीर की शिकायत पर पटवारी राम अवतार शर्मा का वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए. जसबीर ने शिकायत दी थी कि पटवारी फर्द की नकल के पैसे मांग रहा है. साथ ही बताया कि पटवारी पहले ही सस्पेंड है. सीएम ने कहा कि उसका एक इंक्रीमेंट रोक दिया जाए. यदि डबल सस्पेंड हो सकता है तो उस पर विचार किया जाए. साथ ही सीएम ने कहा कि सभी तहसील के बाहर फर्द की रेट लिस्ट लगाई जाए.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री (Chief Minister) मनोहर लाल ने कहा कि आठ साल में 13 लाख शिकायतें सीएम विंडो पर आई. इसमें से 10 लाख शिकायतों पर काम भी हुआ, लेकिन हम ये नहीं कह सकते कि इससे कितने संतुष्ट हुए. आजकल नया सिस्टम परिवार पहचान पत्र शुरू किया, उसमें भी कुछ गलतियां है. पांच स्थान आपके लिए बैठने के लिए तय किए थे. उस पर नंबरिंग दी गई है. जो आज आए हैं, उन्हें भी समय दिया जाएगा. यदि समय नहीं बचा तो उनकी शिकायतें ले ली जाएगी, उसका समाधान किया जाएगा. मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने हिसार (Hisar) शहर में पब्लिक हेल्थ विभाग को एक सुपर सकर मशीन खरीदने के आदेश दिए. साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की जमीन से कब्जा हटाने के आदेश दिए. उनके समक्ष शिकायत रखने के लिए उनके मामा का लड़का बिशंबर भी आया, जो लाइन में लगकर शिकायत देने आया. उसने नवदीप कालोनी में सीवरेज और पानी की शिकायत दी जिस पर मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने अधिकारियों को कारवाई के आदेश दिए.

बिजली निगम से रिटायर्ड ओमप्रकाश ने शिकायत दी कि उसे छह महीने देरी से पेंशन के लाभ दिए. सीएम ने कहा कि 44 लाख पेंशन तो मिल गई. ओमप्रकाश ने कहा कि हां मिल गई, लेकिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. मुख्यमंत्री (Chief Minister) बोले कि गरीबों की सहायता करो, मेरे पास किसी का फोन आया तो तुम्हारा नंबर दूंगा.

दयालपुरा के मनीराम ने शिकायत दी कि कॉर्मिशयल कनेक्शन लेने पर बिजली निगम ने सात हजार के सामान के पैसे नहीं दिए. साथ ही मीटर स्लो होने पर 16 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया. सीएम ने डीएचबीवीएन के अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि आपकी गलतियों का खामियाजा जनता क्यों भुगते. सीएम ने उसे पैसे लौटाने के आदेश दिए. राजस्व विभाग से रिटायर्ड जगदीश ने कहा कि उसकी पेंशन एक जनवरी 2016 से रिवाइज होनी थी, लेकिन उसे रिवाइज पेंशन का लाभ नहीं मिला. इस पर सीएम ने एसडीएम को गलती करने वाले और गलती किस आधार पर हुई, इसकी जांच करने के आदेश दिए.

सीएम के सक्षम एक व्यक्ति वैद्य रत्न देव जांगडा ने शिकायत रखी कि उसकी पत्नी बिमला देवी साल 2021 में रिटायरमेंट हुई. वह सिसाय सीएचसी में थी. उसका एक इंक्रीमेंट भी नहीं दिया. रिटायरमेंट लाभ नहीं दिए गए. उसने बताया कि जीपीएफ का पैसा 28 लाख भी चार महीने बाद दिया. इसका ब्याज भी नहीं मिला. यह स्वास्थ्य विभाग के एक एकाउंटेंट की जानबूझकर की गई देरी के कारण हुआ है. इसके अलावा अन्य लाभ भी नहीं दिए. सीएम ने अधिकारियों को आदेश दिए कि इसकी जांच करें और यदि एकाउंटेंट दोषी है तो ब्याज की राशि उससे वसूल की जाए.

मुख्यमंत्री (Chief Minister) के समक्ष मनोनीत पार्षद राजपाल मांडू ने कहा कि आपको यहां पर शिकायतें सुननी चाहिए. अधिकारी सुनवाई नहीं करते. तब सीएम ने कहा कि सुनेंगे. मैं हर किसी की शिकायत नहीं सुन सकता, इसलिए आप वहां पर जाए. इसके बाद राजपाल मांडू की शिकायत निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने सुनी. परंतु बाद में उसे सीएम से मिलाया. राजपाल मांडू ने कहा कि शहर में अमृत प्रोजेक्ट का काम गुजरात (Gujarat) की कंपनी को दिया गया है परंतु वह ना तो काम कर रही है और न ही टेंडर छोड़ रही. यह काम करीब 35 करोड़ का है. इसलिए इस पर कारवाई करें.

/राजेश्वर