


गढ़ाकोटा (kota) में कन्या विवाह समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री, कहा- 2100 कन्याओं का विवाह, सामाजिक समरसता का महायज्ञ
भोपाल (Bhopal) , 11 मार्च . मुख्यमंत्री (Chief Minister) शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि कोविड संक्रमण के दौरान माता-पिता की मृत्यु होने से अनाथ बच्चों के लिए लागू पेंशन योजना के दायरे में अब ऐसे अन्य अनाथ बच्चों को भी शामिल किया जाएगा, जिनके माता-पिता नहीं है.
मुख्यमंत्री (Chief Minister) चौहान शनिवार (Saturday) को सागर जिले के गढ़ाकोटा (kota) स्थित रहस मेला मैदान में मुख्यमंत्री (Chief Minister) कन्या विवाह-निकाह योजना के 20वें पुण्य विवाह समारोह में शामिल हुए. उन्होंने मंत्री गोपाल भार्गव की पहल पर हुए 2100 गरीब कन्याओं के विवाह को सामाजिक समरसता का महायज्ञ बताया. विवाह समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री (Chief Minister) उमा भारती, नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने भी वर-वधु को आशीर्वाद दिया.
मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि मंत्री भार्गव केवल राजनेता ही नहीं समाज-सेवक और विकास पुरूष भी है. प्रदेश के विकास के लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहते है. उन्होंने 21 हजार कन्याओं का विवाह कराकर समाज-सेवा का जो इतिहास बनाया, वह अनुकरणीय है. उन पर हम सभी को गर्व है. भार्गव ने यह सिद्ध किया कि राजनीति पेशा नहीं समाज-सेवा है. मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने विवाह समारोह को सामाजिक सेवा का महाकुंभ भी बताया, जिसमें एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए.
उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार (State government) का लक्ष्य है कि सभी बेटियाँ सुखी रहें. कोई भी माता-पिता अपनी बेटी के विवाह को लेकर परेशान नहीं हो. प्रदेश सरकार ने बेटियों के जन्म से लेकर पढ़ाई और फिर बाद में विवाह के लिए योजना लागू की है. अब महिलाओं के कल्याण की सबसे बड़ी योजना लाड़ली बहना शुरू की गई है, जिससे पात्र सभी महिलाओं के बैंक (Bank) खाते में एक हजार रुपये प्रतिमाह राशि डाली जायेगी. बेटियों, बहनों और महिलाओं के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार का प्रमुख लक्ष्य है. लाड़ली बहना योजना में शामिल होने के लिए महिलाओं को यहाँ-वहाँ भटकने की जरूरत नहीं होगी, गाँव, शहर के वार्डों में शिविर लगाकर आवेदन लिए जाएंगे.
मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने विवाह समारोह में शामिल सभी नव-दंपतियों को सुखी और सफल जीवन की शुभकामनाएँ देते हुए आशीर्वाद दिया. साथ ही यह भी कहा कि किसी भी तकलीफ में अकेले गोपाल भार्गव ही नहीं, मामा शिवराज सिंह भी उनके साथ खड़ा रहेगा. मुख्यमंत्री (Chief Minister) तथा अन्य अतिथियों ने नव-दंपतियों का पुष्प-वर्षा कर अभिवादन किया और प्रतीक स्वरूप कुछ दंपत्ति को उपहार सामग्री भेंट की. मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने सामूहिक विवाह महायज्ञ के लिए मंत्री भार्गव का भी स्वागत-अभिनंदन किया. मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने मंत्री गोपाल भार्गव की मांग पर शाहपुर में डिग्री कॉलेज स्वीकृत करने की घोषणा भी की.
मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि बीस साल पहले मुख्यमंत्री (Chief Minister) चौहान और उन्होंने गरीब कन्याओं के विवाह संपन्न कराने की शुरूआत थी. उन्होंने बताया कि 20 साल पहले मैंने छोटे रूप में इसकी शुरूआत की थी, जो अब विशाल स्वरूप ले चुका है. प्रदेश की एक भी बेटी ऐसी नहीं होना चाहिए, जिसके हाथ आर्थिक तंगी के अभाव में पीले नहीं हो पा रहे हैं. उन्होंने परिणय-सूत्र में बंधने वाली बेटियों से कहा कि जब तक गोपाल भार्गव जीवित है, धर्मपिता के रूप में वह आपके काम आयेगा. अब मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) का कोई भी गरीब चाहेगा तो उनकी बेटी का विवाह वे संपन्न कराएंगे.
भार्गव ने बताया कि उन्होंने अपने पुत्र अभिषेक भार्गव और पुत्री डा. अवंतिका भार्गव की शादी भी ऐसे ही सामूहिक विवाह समारोह में की थी, बाद में किसी बड़े होटल (Hotel) या फाईव स्टार होटल (Hotel) में रिसेप्शन भी नहीं दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री (Chief Minister) कन्या विवाह योजना को लोक कल्याण और सामाजिक समरसता की योजना बताया.
वीडी शर्मा ने कन्यादान को भारतीय संस्कृति में सबसे बड़ा दान बताया. उन्होंने कहा कि मंत्री भार्गव ने 21 हजार गरीब कन्याओं का विवाह कराकर पुण्य और यश का कार्य किया है. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि 20वें विवाह समारोह में सभी धर्मों और समाजों के बेटे-बेटियों का विवाह हुआ. ऐसे आयोजन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में होने चाहिए.
प्रारंभ में मंत्री भार्गव ने मुख्यमंत्री (Chief Minister) को स्मृति-चिन्ह भेंट किया. मुख्यमंत्री (Chief Minister) कन्या विवाह योजना में हुए इस भव्य समारोह में नव-दंपतियों और उनके परिवार में भारी उत्साह देखा गया.
अभिभूत हैं दिव्यांग नव-दंपत्ति
समारोह में विवाह बंधन में बंधे ग्राम बाबूपुरा धौनाई के दिव्यांग भूरे अहिरवार अभिभूत हैं. उनका विवाह दिव्यांग तुलसाबाई के साथ हुआ. दोनों दिव्यांग वर-वधु विवाह होने पर प्रसन्न हैं. भूरे अहिरवार ने कहा कि आँखों से नहीं दिखने से जीवन में अब तक अंधेरा था, अब विवाह सूत्र में बंधने और गृहस्थी की सामग्री मिलने से जीवन में नया उजियारा आया है. नव-दंपत्ति ने मुख्यमंत्री (Chief Minister) और मंत्री भार्गव के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया.
/ डा. मयंक