नई दिल्ली (New Delhi) . गलवान घाटी झड़प के बाद चीन के साथ हालत सामान्य होने पर चीनी कंपनी को भारत में निवेश के लिए हरी झंडी से सरकार ने इंकार किया है. सरकारी सूत्रों ने इस रिपोर्ट का भी खंडन किया जिसमें कहा गया था कि सीमा पर तनाव छंटने के बाद चीन के प्रस्तावों को मंजूरी दी जा रही है. सूत्रों ने बताया, ‘हांगकांग में स्थित केवल तीन कंपनियों के प्रस्ताव को 22 जनवरी को हुई बैठक में मंजूरी दी गई. यह प्रस्ताव सिटीजन वाचेस, निपोन पेंट्स और नेटप्ले के थे. इन तीन में दो कंपनियां जापानी है जबकि एक अनिवासी भारतीय से संबंधित है.’ इन प्रस्तावों के लिए 5 फरवरी, 2021 को नॉटिफिकेशन जारी किया गया था.
सूत्रों ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार (Central Government)ने बहुत ही सख्त विदेशी निवेश पॉलिसी रखी है. इसे संशोधित किया गया है और संशोधन के मुताबिक, भारत के साथ अपनी सीमा साझा करने वाले सभी देशों से आने वाले हर निवेश के प्रस्ताव का सुरक्षा के लिहाज से आकलन किया जाएगा. इन देशों को भारत के सुरक्षा पैमानों से गुजरना होगा, इसके बाद ही उन्हें इसके लिए अनुमति मिलेगी. निवेश प्रस्तावों के सुरक्षा से जुड़ा पहलू केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) देखता है.