
नई टिहरी, 12 मार्च . केंद्र सरकार (Central Government)की ओर से मनरेगा योजना में नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) से श्रमिकों की उपस्थिति लगाने का आदेश ग्राम पंचायतों व ग्राम प्रधानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. भिलंगना ब्लॉक की 182 ग्राम पंचायतों में से अधिकांश में मोबाइल कनेक्टिविटी न होने या नेटवर्क घंटो गायब रहने के कारण मनरेगा कार्यों में लगे श्रमिकों की उपस्थिति नहीं लग पा रही है. जिस कारण समय पर मस्टररोल न निकलने से उन्हें मजदूरी का ऑनलाइन भुगतान नहीं हो पा रहा है.
एनएमएमएस व्यवस्था के विरोध में प्रदेश भर के प्रधानों ने ब्लॉक मुख्यालयों में तालाबंदी व धरना प्रदर्शन किया था, लेकिन सरकार की ओर से प्रधानों की मांग को दरकिनार कर दिया गया. मोबाइल कनेक्टिविटी की बात करें तो ब्लॉक मुख्यालय के सबसे निकट की ग्राम पंचायत सेंदुल में नेटवर्क न होने से मोबाइल से उपस्थिति नहीं लग पा रही है. वहीं दूरस्थ गांव गंगी, गेंवली, पिंस्वाड़, मेड, मारवाड़ी सहित दर्जनों गांव मोबाइल कनेक्टिविटी से महरूम हैं. जहां पर मोबाइल टॉवर लगे हैं, वहां भी घंटों नेटवर्क गायब रहते हैं.
हिंदाव पट्टी के अंथवाल गांव की प्रधान रेखा देवी ने बताया कि आजकल गांव में मनरेगा कार्य हो रहा है, लेकिन दो दिनों से श्रमिकों की उपस्थिति नहीं लग पा रही है. जिस कारण निर्माण कार्य करवाना मुश्किल हो रहा है.
ग्रामीण प्रेम दत्त अंथवाल का कहना है कि उपस्थिति न लगने के कारण श्रमिक काम पर नहीं आ रहे, जिस कारण विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
भिलंगना प्रधान संगठन के अध्यक्ष दिनेश भजनियाल का कहना है कि एनएमएमएस व्यवस्था का उन्होंने शुरू में ही विरोध किया था, लेकिन अधिकारियों के शीघ्र समाधान का आश्वाशन देने के बावजूद प्रधानों के समक्ष समस्या आ रही है. उन्होंने सरकार से उक्त व्यवस्था को वापस लेकर पूर्व की भांति मैनुअल उपस्थिति लगाने की मांग की है.
/प्रदीप डबराल