
शिमला, 09 मार्च . हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)के दो फोरलेन सड़क प्रोजेक्टों को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. इनमें शिमला-मटौर और मंडी-पठानकोट फोरलेन प्रोजेक्ट शामिल हैं.
मुख्यमंत्री (Chief Minister) सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार (Thursday) को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की शिमला (Shimla) से मटौर तथा लगभग 12 हजार करोड़ रुपए की पठानकोट से मंडी तक फोरलेन सड़क तैयार करने के लिए प्राधिकरण सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गया है. इसके साथ ही प्रदेश में सड़कों के विस्तारीकरण के दौरान पहाड़ों की कटाई से होने वाले भू-स्खलन एवं पत्थर इत्यादि गिरने से रोकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एक कांसेप्ट पेपर तैयार करेगा.
उन्होंने कहा कि बारिश में इन सड़कों पर पत्थर एवं मलबा इत्यादि गिरने से रोकने की परियोजना पर एनएचआई के माध्यम से लगभग 300 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि सड़क सम्पर्क बेहतर होने से यहां पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और उन्हें बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार (State government) ने कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है और इस दृष्टि से भी पठानकोट-मंडी व शिमला-मटौर फोरलेन सड़क परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं.
उन्होंने कहा कि मंडी शहर के समीप 19 किलोमीटर के भाग को छोड़कर पठानकोट-मंडी फोरलेन सड़क परियोजना के विभिन्न पैकेज की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र तैयार की जाए. इसके अतिरिक्त उन्होंने हमीरपुर बाईपास की डीपीआर जल्द तैयार करने के भी निर्देश दिए.
इस बैठक में हाल ही में मुख्यमंत्री (Chief Minister) के दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री के साथ प्रदेश में सड़क अधोसंरचना के विकास को लेकर हुई चर्चा के दौरान उठाए गए विभिन्न मामलों की प्रगति की समीक्षा की गई. दिल्ली में प्राधिकरण के सदस्य मनोज कुमार इस बैठक में विशेष रूप से उपस्थित रहे.
/उज्ज्वल