रहस्यमयी तरीके से लापता सिकदार ने 13 दिनों बाद आत्मसमर्पण कर दिया

आत्मसमर्पण

कांकेर, 14 मार्च . जिले के चारामा के पूरी गांव में एक कार में आग लगने के बाद से समीर सिकदार अपने परिवार के साथ रहस्यमयी तरीके से लापता हो गया था. रहस्यमयी तरीके से गायब हुआ सिकदार परिवार वापस लौट आया है. लापता परिवार की तलाश पुलिस (Police) पिछले 13 दिनों से कर रही थी. 01 मार्च को उसकी कार चारामा के पूरी गांव में बीच सडक़ पर जलती हुई मिली थी. अब इस रहस्य से भी पर्दा उठ चुका है, दरअसल समीर सिकदार पर 35 लाख का कर्ज चढ़ा हुआ है, कर्ज के भुगतान से बचने के लिए स्वयं कीहत्या (Murder) की झूठी साजिश रची. इस बहाने वह 72 लाख के बीमा की राशि भी हड़पना चाहता था, लेकिन जली हुई कार में किसी मानव शरीर के अवशेष नहीं मिलने की वजह से उसकी मंशा पर पानी फिर गया.

समीर सिकदार ने पुलिस (Police) की पूछताछ में अपनी कारगुजारियों को स्वीकार कर लिया है. बीते 13 दिनों से पुलिस (Police) लगातार इस रहस्य को सुलझाने में लगी हुई थी. इस बीच पुलिस (Police) ने करीब 1000 सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं, 45 हजार से ज्यादा मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया. हालांकि तब भी पुलिस (Police) के हाथ खाली थे. अंतत:जब सिकदार को समझ आया कि वह अपनी साजिश में फेल हो गया है, तब उसने पुलिस (Police) को फोनकर आत्मसमर्पण कर दिया. इस दौरान वह अपने ही फॉर्म हाउस में छिपा हुआ था.

कांकेर एसपी शलभ कुमार ने बताया कि कर्ज के बोझ से लदे समीर सिकदार ने जीवन बीमा की रकम 72 लाख रुपये पाने के लिए एक झूठी कहानी रचते हुए अपनी कार में आग लगाकर फरार हो गया, उसके अपनी कार में पोल्ट्री फार्म के संचालक समीर सिकदार स्वयं, अपनी पत्नी, दो बच्चो की जलकर मौत माना जायेगा और बीमा की रकम परिजन को मिल जायेगा इसके बाद अन्य जगह हम बस जायेंगे ऐसी सोच के साथ सुनियोतिज ढंग से अपनी खाली कार में आग लगाकर लापता हो गया था. अंतत:जब सिकदार को समझ आया कि, वह अपनी साजिश में फेल हो गई है, तब उसने पुलिस (Police) को फोनकर आत्मसमर्पण कर दिया.

/ राकेश पांडे