मप्र विधानसभाः सदन में गूंजा सीएम राइज स्कूल का मामला, भाजपा विधायक बोले- मेरी हो रही उपेक्षा

मप्र विधानसभाः सदन में गूंजा सीएम राइज स्कूल का मामला, भाजपा विधायक बोले- मेरी हो रही उपेक्षा

भोपाल (Bhopal) , 14 मार्च . मध्य प्रदेश विधानसभा में मंगलवार (Tuesday) को सीएम राइज स्कूल के मामले में जहां विपक्ष के सदस्यों ने सरकार को घेरने का प्रयास किया तो वहीं सत्ता पक्ष के विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा कि मेरी उपेक्षा हो रही है. स्कूल शिक्षा मंत्री से उन्होंने कहा कि मैं हाथ जोड़कर, गिड़गिड़ाकर अनुरोध कर रहा हूं, अधिकारियों की तानाशाही मत चलने दीजिए.

मप्र विधानसभा मंगलवार (Tuesday) को सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई. सिरोंज से भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने सिरोंज में सीएम राइज स्कूल के लिए तय की गई जमीन का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि जिस जगह का डीपीआर बनाया गया है, वहां बारिश में कमर तक पानी भर जाता है. उन्होंने आगे कहा- यहां डीपीआर क्यों बनाई गई और मैदान को छोटा क्यों किया गया? इसकी जांच हो.

इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मैदान पांच किलोमीटर ऊपर पहाड़ी पर है. थोड़ा नीचे पानी भरने की संभावना है. मंत्री का जवाब सुनकर उमाकांत शर्मा ने कहा कि बिल्कुल गलत बात है, मैं उनको चैलेंज कर रहा हूं. मंत्री ने कहा कि विधायक जी की जो शंका है, उसका समाधान कर स्थान परिवर्तन भी कर सकते हैं. शर्मा ने कहा कि मैं हाथ जोड़कर, गिड़गिड़ाकर अनुरोध कर रहा हूं. अधिकारियों की तानाशाही मत चलने दीजिए.

संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बीच में कहा कि हमारे विधायक के साथ अन्याय नहीं होगा. उनकी इच्छा के अनुरूप मंत्री जी बात करके काम करेंगे. विधायक शर्मा ने कहा कि यह मुख्यमंत्री (Chief Minister) का सबसे अच्छा बच्चों के हित में प्रयास है, लेकिन मेरी उपेक्षा हो रही है. मंत्री परमार ने कहा कि विधायक जी को जो आपत्ति है, इसको लेकर मैं स्वयं चर्चा कर समाधान करूंगा. इसके बाद विधायक शर्मा ने अपने क्षेत्र में संस्कृत विद्यालय का भवन बनाने को लेकर भी सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि 2013 से मेरे यहां संस्कृत विद्यालय संचालित है. इसका आज तक भवन नहीं बना, कब तक बन जाएगा. मंत्री परमार ने कहा कि संस्कृत स्कूल के लिए जमीन आवंटित हो गई है. भवन बनाने का काम जल्द शुरू हो जाएगा.

इसके बाद दूसरा प्रश्न कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने सीएम राइज स्कूलों के विज्ञापन को लेकर पूछा. उन्होंने कहा कि मेरे प्रश्न के जवाब में मंत्री ने इस बात को दर्शाया है कि विज्ञापन पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए. वाहवाही पर करोड़ों खर्च हो रहे हैं, जबिक बच्चों के लिए भवन नहीं. उन्होंने कहा कि तीन लाख से अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों से निकल गए, आपके यहां प्राचार्य तक नहीं है. इतना बता दें कि प्राचार्य के पद कब तक भर देंगे, सारे स्कूलों के भवन कब तक बन जाएंगे.

मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हम पहले टेस्टिंग कर रहे हैं, ताकि भवन की अवधि लंबी रहे. स्कूल शिक्षा विभाग के पास 274 स्कूल ही हैं, बाकी ट्राइबल विभाग के पास हैं. इनमें 104 नियमित प्राचार्य हैं. बाकी को प्रभारी प्राचार्य बनाकर संचालित कर रहे हैं. भवनों की डीपीआर का काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि 25-30 करोड़ की बिल्डिंग बन रही है. पहले का समय हमने देखा है दो करोड़ देने पर सालों तक हिसाब नहीं मिलता था. जहां प्रभारी प्राचार्य हैं, वहां भी हम प्रक्रिया पूरी कर स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति करेंगे. इस साल के अंत तक 49000 शिक्षकों की भर्ती करेंगे.

इसी बीच नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सज्जन वर्मा जिस कैबिनेट में मंत्री थे, उसने 500 रुपये में शिक्षकों की भर्ती की थी. पेड़ के नीचे स्कूल लगते थे. सज्जन वर्मा ने कहा कि जब लिस्ट आई थी, तब सोनकच्छ में स्कूल का नाम था. बाद में लगा कि कांग्रेस का विधायक है तो नाम हटा दिया. बच्चों ने भूख हड़ताल की थी. सोनकच्छ के बच्चों पर न मामा को तरस आया, न मंत्री को. मंत्री परमार ने इसके जवाब में कहा कि भाजपा की सरकार ने कोई भेदभाव नहीं किया. नीतिगत रूप से स्कूल खोले जा रहे हैं. इसी बीच नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि 78 कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में सीएम राइज स्कूल खुले. नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह ने कहा कि मंत्री जी ने मुझे भरोसा दिया था कि मेरे क्षेत्र में सीएम राइज स्कूल खोलेंगे. लेकिन, आज तक स्कूल नहीं खुला.

इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री (Chief Minister) एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि अब 7 महीने बचे हैं. अस्पतालों में डॉक्टर (doctor) नहीं, स्कूलों में शिक्षक नहीं, खम्भों में बिजली नहीं. मेरे साथी चिंतित न हों, हम 7 महीने बाद सबका समाधान करेंगे. इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इन्होंने दिग्विजय सिंह की सरकार की स्थिति बता दी. यह कह रहे हैं कि सरकार बनने पर हम काम करेंगे. बनी बनाई सरकार नहीं चला पाए.

इसी दौरान कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने पूछा कि भोपाल (Bhopal) के सरकारी स्कूलों में पानी, शौचालय की व्यवस्था कराएंगे क्या? अकील के सवाल पर विश्वास सारंग ने कहा कि सभी लोग एक जैसे सवाल पूछेंगे क्या? अकील के सवाल पर इंदर सिंह परमार ने कहा कि हमने पहली बार पुताई के लिए फंड दिया है. इसी बीच नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आरिफ अकील जो लिस्ट देंगे, उन स्कूलों में पुताई और टॉयलेट की व्यस्था सुनिश्चित कराएंगे.