शंघाई सहयोग संगठन के पर्यटन मंत्रियों की बैठक वाराणसी में 17 से

शंघाई सहयोग संगठन के पर्यटन मंत्रियों की बैठक वाराणसी (Varanasi)  में 17 से

-प्रतिनिधियों का पहला जत्था शहर में पहुंचा, एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से स्वागत

वाराणसी (Varanasi) , 14 मार्च . शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के पर्यटन मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए प्रतिनिधियों का पहला जत्था मंगलवार (Tuesday) को वाराणसी (Varanasi) पहुंचा. बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर प्रतिनिधियों के समूह का काशी के परम्परा के अनुसार गर्मजोशी से स्वागत किया गया. एयरपोर्ट से प्रतिनिधियों के समूह को वाहनों के काफिले में होटल (Hotel) में पहुंचाया गया. सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में 17 और 18 मार्च को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के पर्यटन मंत्रियों की बैठक की तैयारियों को भी अन्तिम रूप दे दिया गया. वाराणसी (Varanasi) को शंघाई सहयोग संगठन की पहली सांस्कृतिक राजधानी के रूप में नामित किया गया है. वर्तमान में भारत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का अध्यक्ष है. एससीओ सदस्य देशों के बीच पर्यटन क्षेत्र में सहयोग के विकास को लेकर संयुक्त पर्यटन कार्य योजना पर विमर्श होगा. शंघाई देशों के पर्यटन मंत्री दो दिनों तक वाराणसी (Varanasi) में सांस्कृतिक विरासत, डिजिटल प्रौद्योगिकी, पर्यटन, सूचना के साथ तमाम विषयों पर भी विमर्श करेंगे.

बताते चलें कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक अंतर सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून, 2001 को शंघाई में की गई थी. वर्तमान में एससीओ में आठ सदस्य देश (चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान), पूर्ण सदस्यता ग्रहण करने के इच्छुक चार पर्यवेक्षक राष्ट्र (अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया) और छह संवाद भागीदार (आर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की) शामिल हैं.

/श्रीधर