























शिमला, 12 मार्च . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की ही तरह पत्रकारिता जगत के लोग जन जागरण का काम कर रहे हैं और यह कार्य निरंतर होता रहना चाहिए. विश्व संवाद केन्द्र शिमला (Shimla) द्वारा होली पर्व के उपलक्ष्य में रविवार (Sunday) को आयोजित पत्रकार सम्मान समारोह में ये विचार संघ के प्रांत सदभावना प्रमुख जितेन्द्र कुमार ने रखे.
उन्होंने बताया कि भारत में गुलामी के काल में भी पत्रकारिता से जुड़े लोग जनजागरण करते रहे. जिसमें लोकमान्य तिलक और वीर सावरकर का नाम प्रमुख हैं. लोकमान्य तिलक द्वारा लिखित गीता को जब अंग्रेजी सरकार द्वारा जब्त कर लिया तो उन्होंने गीता को दोबारा लिखा, जिसके चलते उनका प्रसार भारत के जन-जन तक हुआ. इसी तरह वीर सावरकर ने गुलामी के कालखंड में कठोर कारावास भोगते हुए भी स्वातंत्रय समर 1857 लिखा. परिणामस्वरूप भारत के लोग आजादी के लिए प्रेरित हुए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) यही काम कर रहा है जिससे लोग आजादी के महत्व को पहचाने. इस जनजागरण में पत्रकारिता जगत से जुड़े लोगों का भी अहम योगदान है. ये क्रम निरंतर जारी रखना होगा.
पत्रकारों व उनके परिवारजनों के लिए आयोजित समारोह के अध्यक्ष, आकाशवाणी शिमला (Shimla) के सहायक निदेशक व क्षेत्रीय समाचार प्रमुख रितेश कपूर ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि पत्रकारिता का कार्य काफी चुनौती पूर्ण है. निरंतर खबरें पहुंचाने के लिए पत्रकारों की दिनचर्या काफी व्यस्त रहती है. ऐसे कार्यक्रम उन्हें आपसी तालमेल को बढ़ाने में मदद करते हैं.
समारोह में शिमला (Shimla) के विभिन्न प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व वेब मीडिया (Media) के पत्रकारों व उनके परिवारजनों के लिए विश्व संवाद केन्द्र शिमला (Shimla) द्वारा खेलकूद गतिविधियों का आयोजन किया गया. विजेता प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर विश्व संवाद केन्द्र शिमला (Shimla) के उपाध्यक्ष यादविन्दर चौहान ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया. वहीं न्यास के सचिव मोती लाल ने कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकार परिवारों व गणमान्य जनों का धन्यवाद किया. मंच का संचालन नीतू वर्मा ने किया. कार्यक्रम में विश्व संवाद केन्द्र न्यास के संरक्षक प्रो. एन.के. शारदा तथा हिमाचल शिक्षा समिति के प्रांत संगठन मंत्री ज्ञान सहित कई गणमान्य जन उपस्थित रहे.
/उज्ज्वल