
-जोधपुर (Jodhpur) में के मारवाड़ महोत्सव को लेकर पर्यटकों की दिलचस्पी में कमी
जोधपुर (Jodhpur) . सनसिटी जोधपुर (Jodhpur) को प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है. यहां की हवेलियां और उम्मेद भवन को देखने हर साल 12 लाख से अधिक पर्यटक जोधपुर (Jodhpur) शहर पहुंचते हैं. लेकिन पिछले कुछ बरसों से जैसलमेर (Jaisalmer) शहर पर्यटकों को अपनी ओर जबर्दस्त तरीके से आकर्षित कर रहा है. वहां होने वाले मरू महोत्सव के कारण पर्यटकों का रुख अब जोधपुर (Jodhpur) की बजाय जैसलमेर (Jaisalmer) की तरफ हो चला है. मरू महोत्सव दुनिया में अपनी जबरदस्त छाप छोड़ रहा है.
वैसे तो पर्यटन सीजन खत्म होने के कगार पर है. लेकिन जैसलमेर (Jaisalmer) के प्रति पर्यटकों का क्रेज अभी तक कायम है. इस बार कोविड के चलते विदेशी पर्यटकों की संख्या तो बहुत कम है. लेकिन देशी पर्यटकों के दिल में भी जैसलमेर (Jaisalmer) खास जगह बना चुका है. जैसलमेर (Jaisalmer) में 24 फरवरी से मरू महोत्सव का आगाज हो रहा है. जैसलमेर (Jaisalmer) मरू महोत्सव को सफल बनाने के लिये पूरा शहर और प्रशासन जुनून के साथ काम करता है. दूसरी तरफ जोधपुर (Jodhpur) में होने वाले मारवाड़ महोत्सव को लेकर पर्यटकों में कोई दिलचस्पी दिखाई नहीं देती है. जोधपुर (Jodhpur) में भी मारवाड़ महोत्सव सहित अन्य उत्सव आयोजित होते हैं, लेकिन यहां का ये महोत्सव पर्यटकों को ज्यादा लुभा नहीं पाते हैं. इसकी वजह है पर्यटन विभाग की उदासीनता.
इसके चलते जोधपुर (Jodhpur) आने वाला पर्यटक जैसलमेर (Jaisalmer) की ओर मुड़ गया. जोधपुर (Jodhpur) नगर निगम दक्षिण की महापौर विनीता सेठ ने कहा कि निगम प्रशासन इस बार प्रयास करेगा कि जैसलमेर (Jaisalmer) की तर्ज पर यहां के फेस्टिवल को भी जन आंदोलन बनाया जाये. ताकि देसी व विदेशी पर्यटकों को जोधपुर (Jodhpur) में भी हेरिटेज इमारतें और यहां का कल्चर देखने को मिले. इसके लिए वे नये सिरे से प्रयास करेंगे. बहरहाल जोधपुर (Jodhpur) के मारवाड़ महोत्सव को फिर से जिंदा करने की कोशिश करनी होगी. वरना यहां के पर्यटन उद्योग को बड़ा नुकसान होना तय हैं.