


मुरादाबाद (Moradabad) 12 मार्च . वरिष्ठ साहित्यकार व मुरादाबाद (Moradabad) के प्राचीन इतिहास के जानकार रचनाकार डाॅ. अजय अनुपम के ताजा मुक्तक-संग्रह ‘अविराम’ का लोकार्पण साहित्यिक संस्था हिंदी साहित्य सदन के तत्वावधान में आज श्रीराम विहार कालोनी मुरादाबाद (Moradabad) स्थित विश्रांति भवन में किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध नवगीतकार डाॅ. माहेश्वर तिवारी ने की, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विख्यात व्यंग्य कवि डाॅ. मक्खन मुरादाबाद (Moradabad) ी तथा विशिष्ट अतिथि पर्यावरण मित्र समिति के संयोजक केके गुप्ता रहे. कार्यक्रम का संचालन नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम द्वारा किया गया.
कवयित्री डा. पूनम बंसल द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से आरम्भ हुए कार्यक्रम में लोकार्पित कृति- ‘अविराम’ से रचनापाठ करते हुए डाॅ. अजय अनुपम ने मुक्तक सुनाये- ‘ड्योढ़ी पर सांकल की आहट नहीं रही घूंघट उतर गया, शरमाहट नहीं रही हाय-हलो पर सिमट गई दुनियादारी, रिश्तों के भीतर गर्माहट नहीं रही. नवगीतकार यश भारती डाॅ. माहेश्वर तिवारी ने कहा- डाॅ. अनुपम के मुक्तक संभावना से सार्थकता तक की यात्रा के साक्षी हैं, उनकी रचनाधर्मिता लोक मंगल के लिए समर्पित है. मुख्य अतिथि के रूप में विख्यात व्यंग्य कवि डाॅ मक्खन मुरादाबाद (Moradabad) ी ने कहा कि अनुपम जी के मुक्तक जीवन की धुकर-पुकर के मुक्तक हैं,जिन्हें उन्होंने पिया भी है और जिया भी है. नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम ने इस अवसर पर अपने आलेख का वाचन किया- ‘अविराम’ पुस्तक के सभी मुक्तक पृथक-पृथक विस्तृत व्याख्या की अपेक्षा रखते हैं.
शायर जिया जमीर, शायर डाॅ. आसिफ हुसैन, कवयित्री डाॅ. पूनम बंसल, डाॅ. अंजना दास, राजन राज, ज्योतिर्विद विजय दिव्य, सुशील शर्मा आदि ने भी डाॅ. अजय अनुपम को बधाई दी. आभार अभिव्यक्ति डा. कौशल कुमारी ने प्रस्तुत की. जायसवाल