
बशीरहाट, 08 मार्च . बुधवार (Wednesday) को होली के अवसर पर आईएसएफ कई नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता तृणमूल में शामिल हो गए. घटना बशीरहाट के हरोआ प्रखंड के बकजुंड़ी ग्राम पंचायत की है. बकजुंड़ी ग्राम पंचायत के तृणमूल पार्टी कार्यालय में आईएसएफ नेताओ, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने तृणमूल का दामन थामा. हरोआ दो नंबर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष फरीद जमादार और हरोआ दो नंबर ब्लॉक युवा तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष खालेक मोल्ला के नेतृत्व में तृणमूल पार्टी का झंडा उन्हें सौंपा गया. दल बदलने वाले आईएसएफ नेता सैफुल मंडल ने कहा कि इस सरकार ने समग्र विकास किया है. बंगाल के लोगों को तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. वे विकास का हिस्सा बनने के लिए तृणमूल में शामिल हुए हैं.
राजनीतिक हलकों का मानना है कि पंचायत चुनाव से पहले आईएसएफ कार्यकर्ताओं और समर्थकों के तृणमूल में शामिल होने से हरोआ में राजनीतिक रूप से तृणमूल एक मजबूत संगठन बन जाएगा. हरोआ में तृणमूल कांग्रेस के दो नंबर ब्लॉक के अध्यक्ष फरीद जमादार ने कहा कि हमारी पार्टी की नेता ममता बनर्जी विभिन्न परियोजनाओं के जरिए आम तौर पर सभी धर्मों के लोगों का विकास कर रही हैं. यही कारण है कि इतनी बड़ी संख्या में आईएसएफ कार्यकर्ता तृणमूल में शामिल हुए. इस बीच आईएसएफ नेतृत्व ने कहा कि उन्हें डरा-धमका कर दबाव बनाकर पार्टी बदलने के लिए मजबूर किया गया है.
उल्लेखनीय है कि सागरदिघी उपचुनाव के नतीजे आने के बाद सत्ता पक्ष बंगाल के अल्पसंख्यक इलाकों को लेकर सक्रिय है. कैबिनेट बैठक के बाद भी ममता बनर्जी ने खुद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को आंतरिक चर्चा में अल्पसंख्यक क्षेत्रों की समीक्षा करने का निर्देश दिया था. इस बीच हरोआ में आईएसएफ से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की बात को राजनीतिक विश्लेषक काफी अहम मान रहे हैं. /भानुप्रिया