
शिमला, 12 मार्च . साहसिक गतिविधियों एवं घुमक्कड़ी के शौकीनों के लिए हिमाचल एक पसंदीदा गंतव्य बना है. प्रदेश सरकार राज्य में साहसिक गतिविधियों को चरणबद्ध ढंग से प्रोत्साहित कर रही है ताकि इन गतिविधियों में रुझान रखने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो सके.
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में पैराग्लाइडिंग, जलक्रीड़ा, स्कीइंग आदि साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के अलावा, पर्वतारोहियों को सुविधा प्रदान करने के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुल्लू, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर, किन्नौर, लाहौल-स्पीति तथा चंबा जिलों में कई लुभावने व आकर्षक स्थल हैं जो साहसिक खेल प्रेमियों को रोमांचक अनुभव के अलावा हिमालयी वनस्पतियों व वन्यजीवों के बारे में जानने का भी अवसर प्रदान करते हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि कुल्लू जिला की लग घाटी को प्रकृति ने नैसर्गिक सुन्दरता से नवाज़ा है. स्थानीय लोगों में ‘कंस धार‘ या ‘काईसधार‘ के नाम से प्रसिद्ध इस घाटी के अद्भुत नज़ारे हर किसी को आकर्षित करते हैं. यहां के बड़े-बड़े चारागाह और ब्रिटिश समय के फोरेस्ट हॉउस की आभा तत्कालीन शासकों की भव्यता को दर्शाती है.
उन्होंने कहा कि कुल्लू शहर की भीड़-भाड़ से परे यह स्थल 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और लगभग 3 से 5 घंटे का पैदल रास्ता (ट्रैक) तय कर यहां पहुंचा जा सकता है. इस पर्यटन स्थल से लग घाटी के खेत-खलियानों के शानदार व अद्भुत दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं और प्रत्येक कदम पर छायाचित्र लेने के लिए विवश करते हैं. कैम्पिंग के लिहाज़ से भी यह जगह उत्तम है. यहां कुछ समय बिताने के बाद पर्यटक अगली सुबह चंबागाड़ टॉप पर जा सकते हैं और 3 घंटे के भीतर वापस विश्राम गृह लौट सकते हैं. यहां से कुपड़ी होकर हाथीपुर पहाड़ से मतासौर पहुंचा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि भुंतर हवाई अड्डे से कुछ दूरी पर शिंदोधार या शोंदोधार स्थित है. यह कुल्लू का प्रसिद्ध पर्यटन गंतव्य है जिसे क्षेत्र की अत्यन्त मनमोहक ‘घाटियों‘ के लिए जाना जाता है. इसे ‘गड़सा घाटी’ भी कहा जाता है. यह अद्भुत स्थल दक्षिण में बंजार तहसील, पश्चिम की ओर द्रंग और दक्षिण की ओर सिराज तहसील से घिरा हुआ है. लगभग 1189 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह एक अति सुंदर गांव है. भुंतर से शमशी सर्किट की इस घाटी में ऊंचे वन मैदान हैं. यहां के समीपवर्ती हवाई और दियार गांव भी प्रदेश में आने वाले पर्यटकों के लिए प्रकृति का अतुलनीय उपहार हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि कुल्लू जिले की सिराज घाटी हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)के सबसे खूबसूरत (Surat) स्थानों में से एक है. हरे-भरे जंगल व वनस्पतियों से भरपूर घास के मैदान, यहां की स्फटिक आभा, पहाड़ी झरनों की धवल धाराएं और चारों ओर शानदार बर्फ से ढके पहाड़ इसे विश्व का एक अविस्मरणीय हिस्सा बनाते हैं.
उन्होंने कहा कि सिराज क्षेत्र जलोड़ी दर्रे से मंडी जिले के जंजैहली में शिकारी देवी तक फैला है और इस क्षेत्र में बंजार-शिमला (Shimla) मार्ग पर स्थित सुंदर गांव ‘जिभी‘ लोगों के लिए वर्षभर आकर्षण का केन्द्र रहता है. यहां आसपास के पहाड़ चीड़ और देवदार के जंगलों से भरे हुए हैं. यह क्षेत्र ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से केवल एक घंटे की दूरी पर स्थित है. इस दूरस्थ एवं अनुछई मनोरम घाटी से पर्यटक स्वर्गिक आनंद की अनुभूति पाते हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि यहां के अन्य खूबसूरत (Surat) स्थलों में खनाग, जलोड़ी दर्रा, सोझा और बंजार भी शामिल हैं. खनाग घने जंगलों के बीच एक हिमालयी घास का मैदान है. जलोड़ी पर्वत की चोटी से बर्फ से ढकी चोटियों के कभी न भूलने वाले नजारे दिखाई देते हैं.
यहां समीप ही करीब 10,500 फीट की ऊंचाई पर श्रृंगा ऋषि मंदिर स्थित है. इसी घाटी में सियोलसर झील भी स्थित है. यह दोनों स्थान इसे ट्रेकिंग के लिए पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य बनाते हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि साहसिक खेल प्रेमी शिमला (Shimla) से गुम्मा, लुहरी, आनी से जलोड़ी और आगे कुल्लू होते हुए ट्रेकिंग कर सकते हैं. शिमला (Shimla) ग्रामीण और कुल्लू घाटी की सुंदरता का आनंद लेते हुए इस ट्रेक को पार करने में लगभग एक सप्ताह का समय लगेगा.
उन्होंने कहा कि पार्वती घाटी में खीरगंगा भी एक मनमोहक पर्यटन गंतव्य है जहां पहुंचने पर भगवान शिव के अवस्थित होने की अनुभूति होती है. खीरगंगा को प्रकृति ने अपार सुंदरता से नवाज़ा है और आगंतुकों को मंत्रमुग्ध करता है. यहां की यात्रा में गर्म पानी के झरने और पार्वती घाटी के शानदार दृश्य पर्यटकों को खूब लुभाते हैं.
उन्होंने कहा कि खीरगंगा के लिए बरशैणी गांव से लगभग 24 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर पहुंचा जा सकता है. उतार-चढ़ाव से भरपूर इस रास्ते से खीरगंगा पहुंचने में एक दिन लगता है. हरे-भरे पहाड़ों, ऊंचे झरनों, वनस्पतियों और जैव विविधता के लिए विख्यात पार्वती घाटी आगंतुकों को रोमांचित करती है.
/उज्ज्वल