
नई दिल्ली (New Delhi), 14 मार्च . दिल्ली हाईकोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट को निर्देश दिया है कि वो मई 2022 के मुंडका अग्निकांड के आरोपित और बिल्डिंग के मालिक मनीष लाकड़ा की जमानत याचिका पर जल्द फैसला करे. जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने ये आदेश जारी किया.
दरअसल हाईकोर्ट की दूसरी बेंच ने इस मामले के सह-आरोपितों हरीश और वरुण गोयल को वैधानिक जमानत दे दी थी. इन आरोपितों ने कहा था कि चार्जशीट दाखिल करने की समय सीमा 60 दिनों की है और चार्जशीट समय सीमा में दाखिल नहीं की गई थी. इन दोनों आरोपितों की जमानत याचिका तीस हजारी कोर्ट ने खारिज कर दी थी. हाई कोर्ट ने दोनों को वैधानिक जमानत दे दी थी. जनवरी में तीस हजारी कोर्ट ने मनीष लाकड़ा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. तीस हजारी कोर्ट के आदेश को लाकड़ा हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
मई 2022 को हुए इस अग्निकांड में 27 लोगों की मौत हो गई थी. मनीष लाकड़ा को 15 मई को घेवरा मोड़ से गिरफ्तार किया गया था. वो हरिद्वार (Haridwar) भागने की फिराक में था. जिस बिल्डिंग में अग्निकांड हुआ, उसी की छत पर वो दो बेडरूम सेट में परिवार के साथ रह रहा था. हादसे के बाद मनीष लाकड़ा अपने परिवार समेत फरार हो गया था. पुलिस (Police) के मुताबिक मनीष दिल्ली से भागकर हरियाणा (Haryana) चला गया था. पकड़े जाने की डर से उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया था. बाद में उसने फोन को तोड़ दिया ताकि उसका किसी को सुराग नहीं मिल सके.
13 मई, 2022 को मुंडका में जिस इमारत में आग लगी थी, उसकी दूसरी मंजिल पर एक मीटिंग चल रही थी. तभी आग लग गई और काफी लोग इसमें फंस गए. बिल्डिंग में कोई आपातकालीन निकास द्वार भी नहीं था. पुलिस (Police) की ओर से दर्ज एफआईआर (First Information Report) में मनीष लाकड़ा, उसकी मां और पत्नी के अलावा दो भाइयों हरीश और वरुण गोयल को आरोपित बनाया गया है. एफआईआर (First Information Report) के मुताबिक गोयल बंधुओं ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा.
/ संजय