अहमदाबाद, 26 अक्टूबर . गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी के अनुरोध के बाद राज्य में आवारा मवेशियों की समस्या पर अपना फैसला एक दिन के लिए टाल दिया.

न्यायमूर्ति ए.जे. शास्त्री और न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई 27 अक्टूबर (शुक्रवार) को पुनर्निर्धारित की है.

उम्मीद है कि शुक्रवार को हाईकोर्ट राज्य में आवारा मवेशियों की समस्या के समाधान के लिए कार्रवाई की दिशा तय करेगा.

आदेश में देरी करने का अदालत का फैसला 25 अक्टूबर के पहले के एक संकेत से उपजा है, जहां उसने राज्य में व्याप्त मवेशियों की समस्या को संबोधित करने में हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करने में कथित विफलता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​के आरोप तय करने का संकेत दिया था.

खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने कहा, ”हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सब कुछ क्रम में हो. आइए एक फाइनल अवसर लें, और मैं गुजरात राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट में उजागर किए गए सभी मुद्दों के समाधान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने का संकल्प लेता हूं.”

आगे कहा, ”हम न केवल उद्धृत प्रकरणों को संबोधित करेंगे, बल्कि हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि चल रहे प्रयास लगन से किए जाएं.”

न्यायमूर्ति शास्त्री ने जवाब दिया कि इस उद्देश्य के लिए, “हम आपसे अनुरोध करते हैं राज्य सरकार शुक्रवार सुबह 11 बजे अदालत में संबंधित आयुक्तों और शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव की उपस्थिति सुनिश्चित करें.”

एफजेड/एबीएम