





शिमला, 13 मार्च . राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने लोगों का आह्वान किया कि वे एकजुट होकर समर्पित भाव से कर्तव्य पथ पर आगे बढ़कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें. राज्यपाल सोमवार (Monday) को शिमला (Shimla) के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में 14वें आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जानने-पहचानने का यह एक प्रयास है. पिछले 75 वर्षों में भारत ने जो विकास किया है और विकास की नई रफ्तार पकड़ी है उसकी जानकारी आदिवासी समाज तक पहुंचाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र बलों की सहभागिता से आदिवासी युवाओं का इनके साथ आपसी तालमेल, सहयोग और भाईचारा और बढ़ेगा. इससे आदिवासी जनसंख्या देश के विकास में और अधिक योगदान दे सकेगी.
राज्यपाल ने कहा कि अगले 25 वर्षों की यात्रा देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) (Prime Minister Narendra Modi) ने ‘अमृत काल’ कहा है. इस अमृत काल में प्रधानमंत्री ने जिन ‘पंच प्रण’ का आह्वान किया है उनमें विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन शामिल हैं.
कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से आदिवासी समाज की उच्च संस्कृति, परम्पराओं और रीति-रिवाजों का आदान-प्रदान सुनिश्चित बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में देश भर से आदिवासी युवा आए हैं और प्रदेश से भी आदिवासी युवा उनके जिलों में जाएं. इस तरह एक भारत-श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार किया जा सकता है.
इस अवसर पर, राज्यपाल ने सचिव राजेश शर्मा, भारत तिब्बत सीमा बल के उप-महानिरीक्षक प्रेम सिंह तथा हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)विश्वविद्यालय शिमला (Shimla) के विधि विभाग के डीन संजय सिंधू को सम्मानित भी किया.
बाद में, राज्यपाल ने आदिवासी युवा यात्रा को हरि झण्डी दिखाकर रवाना किया.
कार्यक्रम में 200 आदिवासी युवा लेंगे भाग
नेहरू युवा केंद्र संगठन, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)के माध्यम से 12 मार्च से 18 मार्च तक शिमला (Shimla) में 14वां आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न जिलों से आए 200 आदिवासी युवा भाग ले रहे हैं जिनमें विशेष तौर पर छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश और ओडिशा से आए प्रतिभागियों भी शामिल हैं.
/उज्जवल