नई दिल्ली.वित्त वर्ष 2017-18 से लेकर 2022-23 के बीच पांच साल में विभिन्न उत्पादों पर केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए सेस और सरचार्ज के कलेक्शन में 133 फीसदी का इजाफा हुआ है.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जो कलेक्शन 2017-18 में 2,18,553 करोड़ रुपए था वो वित्त वर्ष 2022-23 में 5,10,549 करोड़ रुपए हो गया है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 271 के तहत संघ के उद्देश्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा सेस और सरचार्ज लगाया जाता है. इस तरह के सेस और सरचार्ज की आय केंद्र प्रायोजित योजनाओं को फाइनेंस करने के काम आती हैं.
क्या होता है सेस और सरचार्ज
भारत में लगाए जाने वाले कुछ अलग प्रकार के सेस में मोटर वाहनों पर इंफ्रा सेस, सर्विस वैल्यू पर एग्री वेलफेयर सेस, स्वच्छ भारत सेस, एजुकेशन सेस और कच्चे तेल पर सेस शामिल हैं. सेस टैक्स पर भी टैक्स है. भारत सरकार इसे सरचार्ज सहित टैक्स लायबिलिटी पर लगाती है और इसका उपयोग एक स्पेसिफिक उद्देश्य के लिए किया जाता है. वहीं, 50 लाख से ज्यादा की आय वाले लोगों पर सरचार्ज लगता है. यह धन केंद्र सरकार द्वारा उचित समझे जाने वाले किसी भी कारण से इसका उपयोग किया जा सकता है.
