
मीरजापुर-औराई मार्ग पर बना शास्त्री पुल हो चुका है जर्जर
मीरजापुर, 9 मार्च . औराई-मीरजापुर मार्ग के गंगा पर स्थित पूर्वांचल को जोड़ने वाले शास्त्री पुल के जर्जर होने के बाद बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई. ऐसे में इस मार्ग से गुजरने वाले बड़े वाहनों को लगभग 50 से 90 किलोमीटर की दूरी तय कर प्रयागराज (Prayagraj)या वाराणसी (Varanasi) से होकर जाना पड़ रहा है. इसमें उनको आर्थिक क्षति के साथ ही चार से पांच घंटे समय भी बर्बाद करना पड़ रहा है. कई वर्षों से गंगा नदी पर फोरलेन पुल बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा है.
जनपद में गंगा नदी पर फोरलेन पुल बनाने की मांग कई सालों से चल रही है. कई नेताओं के अलावा वाहन स्वामियोंं ने भी इसकी मांग उठाई. इसको लेकर कई राजनीतिक पार्टियों ने फोरलेन पुल बनाने का ऐलान भी किया, लेकिन किसी ने पुल बनवाने की जहमत नहीं उठाई. यह जिले के लिए संकट का सबब बना हुआ है. हालांकि पुल बनाने के लिए सेतु निगम की ओर से चार बार एस्टीमेट बनाकर शासन के पास भेजा गया, लेकिन सरकार की ओर से हर बार स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन देकर मामऐ को लटका दिया जाता है.
प्रोजेक्ट मैनेजर सेतु निगम आरएस उपाध्याय ने बताया कि गंगा नदी पर फोरलेन पुल बनाने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है. अभी स्वीकृति नहीं मिली है. हालांकि अब पुल बनाने की प्रक्रिया टेंडर के माध्यम से की जाएगी.
प्रतिदिन गुजरते हैं दस हजार से अधिक वाहन
शास्त्री पुल से लगभग दस हजार छोटे-बड़े वाहन प्रतिदिन गुजरते थे, जो मध्य प्रदेश, पंजाब, नासिक, हरियाणा (Haryana) , दिल्ली आदि शहरों के साथ ही पूर्वांचल के मीरजापुर, भदोही, जौनपुर, वाराणसी (Varanasi) , चंदौली, गाजीपुर, मऊ, बलिया, गोरखपुर, आजमगढ़ आदि जनपदों से होते हुए आते-जाते हैं. कुछ महीने पहले सेतु निगम की ओर से सर्वे कर फोरलेन पुल बनाने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था. पुल पर लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च आने की बात कही गई थी. पुल बनाने पर इतने रुपये खर्च आने की बात जानकर सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया.
/गिरजा शंकर