
पटना, 12 मार्च . कुछ महीनों से जदयू के कई नेताओं ने जदयू का साथ छोड़ दिया. इस बीच कुछ दिनों पहले पूर्व सांसद (Member of parliament) मीना सिंह ने भी जदयू का साथ छोड़ दिया था. जदयू छोड़ने के बाद पूर्व सांसद (Member of parliament) मीना सिंह और उनके बेटे विशाल सिंह ने रविवार (Sunday) को भाजपा का दामन थाम लिया.
जदयू के टिकट पर दो बार सांसद (Member of parliament) रही मीना सिंह ने पिछले दिनों नीतीश कुमार को बड़ा झटका दिया था. उन्होंने जदयू छोड़ने की घोषणा की थी और अब भाजपा में शामिल हो गई. बिहार (Bihar) प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, विधान परिषद में नेता विपक्ष सम्राट चौधरी,नित्यानंद राय सहित अन्य भाजपा नेताओं की उपस्थिति में आयोजित मिलन समारोह में मीना सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.
मीना सिंह ने मौके पर कहा कि नीतीश कुमार जदयू में पुराने लोगों को तब्बजो नहीं दे रहे हैं. वे राजद के साथ मिलकर बिहार (Bihar) में सरकार बना लिए हैं जो जदयू के कार्यकर्ताओं की भावना का आपमान है. इसलिए उन्होंने जंगलराज के प्रतीक रहे लोगों से हाथ मिलाने के नीतीश के निर्णय पर आपत्ति जताई और जदयू छोड़ा है. बिहार (Bihar) की जनता के हितों में काम करने के लिए उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया.
सम्राट चौधरी ने कहा कि जदयू एक डूबता हुआ जहाज है जिसकी सवारी अब कोई नहीं करना चाहता है. जदयू के अंदर गृह युद्ध छिड़ा हुआ है और आने वाले समय में जदयू खत्म हो जाएगी. वहीं संजय जायसवाल ने कहा कि मीना सिंह ने भाजपा का दामन थाम कर यह साबित किया है कि सीएम नीतीश का निर्णय गलत है. उनके नेता मजबूरी में उनके साथ हैं. जल्द ही और कई नेता जदयू छोड़ने वाले हैं.
उल्लेखनीय है कि मीना सिंह के पति अजीत सिंह भी 2004 में बिक्रमगंज लोकसभा (Lok Sabha) सीट से विजयी रहे. इसके पहले अजीत सिंह के पिता तपेश्वर सिंह भी 1984 में बिक्रमगंज से सांसद (Member of parliament) रहे थे, वे बिस्कोमान के अध्यक्ष भी रहे थे और सहकारिता सम्राट कहे जाते थे. अजीत सिंह की 2007 में उनकी असामयिक मौत हो गई थी. पति की मौत के बाद मीना सिंह ने सबसे पहले जदयू के टिकट पर बिक्रमगंज लोकसभा (Lok Sabha) क्षेत्र से 2008 का उपचुनाव लड़ा था और जीती थी. 2009 में 15वीं लोकसभा (Lok Sabha) में भी वे आरा से जदयू के टिकट पर ही चुनाव लड़ी थी और जीती थी. 2014 का लोकसभा (Lok Sabha) चुनाव मोदी लहर में मीना सिंह हार गई.
/ चंदा