
गेहूं भंडारण के लिए अब एफएसएसएआइ (भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) और डब्ल्यूडीआरए (वेयर हाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी) का लाइसेंस जरूरी होगा. जिले के गोदाम संचालकों को आदेश जारी हो गए हैं. लाइसेंस नियमों में अनिवार्य है कि गोदाम के चारों तरफ वाहन घुमाने की पर्याप्त जगह होनी चाहिए. गार्ड, सीसीटीवी कैमरा और आग की घटनाएं रोकने उपकरण होने चाहिए. यह लाइसेंस नहीं है, तो भारतीय खाद्य निगम ऐसे गोदामों से गेहूं या दूसरे खाद्यान्न का उठाव नहीं करेगा.
लाइसेंस की अनिवार्यता संबंधी नियम के अचानक लागू होने से गोदाम संचालकों में हड़कंप है. अभी केवल 17 के पास डब्ल्यूडीआरए का लाइसेंस है. उसमें चार मप्र वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन के शहपुरा, सिहोरा, बरखेड़ा और जबलपुर (Jabalpur) (Jabalpur)कृषि उपज मंडी गोदामों के हैं. जिले में निजी गोदाम 400 से ज्यादा हैं. भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) ने खाद्यान्न की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए लाइसेंस अनिवार्य किया है. मकसद यह है कि जो खाद्यान्न भंडारित है, वह प्रमाणित भंडारकर्ता के पास है. इसका उपयोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अलावा ओपन मार्केट या विदेशों में सप्लाई के लिए होगा. अब मप्र वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन (एमपीडब्ल्यूएलसी) ऐसे गोदाम संचालकों से ही एग्रीमेंट करेगा, जिनके पास लाइसेंस होंगे.