
19 दिन में छह लाख मानव दिवस पूरा करने की चुनौती
हड़ताल अवधि में बनी खाई पाटने के लिए की गई है व्यापक तैयारी
धमतरी, 12 मार्च . मनरेगा अधिकारी-कर्मचारियों के लंबे हड़ताल की भरपाई इस माह पूरी हो जाएगी, जब 19 दिन के भीतर छह लाख मानव दिवस पूरा हो जाएगा. मनरेगा के तहत इसके लिए विशेष प्लानिंग की गई है और चालू वित्तीय वर्ष का टार्गेट भी पूरा हो जाएगा. वर्तमान में हर रोज 46 हजार मजदूर काम कर रहे हैं.
मनरेगा योजना के तहत प्रत्येक मजदूरों को काम की गारंटी शासन स्तर पर है और इसके लिए अलग-अलग अवधि में काम कराया जाता है. वित्तीय वर्ष 2022-23 समापन की ओर है. ऐसे में इसके लक्ष्य को पूरा करने के लिए मनरेगा विभाग द्वारा व्यापक तैयारी की गई है. इसके पीछे असल वजह यह है कि चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा कार्य अवधि के समय अधिकारी-कर्मचारी अपने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे, इसके चलते जिले समेत प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में कामकाज प्रभावित रहा. पूरे सीजन में सिर्फ 16 लाख मानव दिवस का काम हुआ था. जबकि 48 लाख मानव दिवस पूरा करने का लक्ष्य था, इसे पूरा करना एक चुनौती से कम नहीं था. ऐसे में मनरेगा विभाग ने प्लानिंग की और वित्तीय वर्ष समापन के पहले ही लक्ष्य पूरा करने के लिए काम शुरू हो गया है. शुरू से अब तक जिले में मनरेगा योजना के तहत 42 लाख मानव दिवस का कार्य पूरा हो चुका है. जबकि छह लाख मानव दिवस का काम शेष है. वित्तीय वर्ष के समापन 19 दिन शेष है, इसके भीतर शेष कार्य को पूरा करना विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
मनरेगा शाखा के एपीओ धरम सिंह ने बताया कि धमतरी जिले में इन दिनों प्रत्येक दिन 46 हजार मजदूरों को मनरेगा योजना में काम मिल रहा है. विभिन्न गांवों में तालाब गहरीकरण, आंगनबाड़ी निर्माण, अमृत सरोवर योजना के तहत विविध कार्य कराया जा रहा है. उन कार्याें को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है, जिनमें ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को काम दिया जा सके. 12 मार्च को धमतरी शहर से लगे ग्राम पंचायत खरतुली में सड़क किनारे तालाब गहरीकरण का कार्य किया जा रहा था, जिसमें बड़ी संख्या में महिला-पुरूष मनरेगा मजदूर काम कर रहे थे. इस तालाब में अमृत सरोवर योजना के तहत काम किया जा रहा है. फिलहाल यहां गहरीकरण का काम जारी है. बाद में सुंदरीकरण का कार्य किया जाएगा. इसी तरह जिले के अन्य गांवों में मनरेगा के तहत कार्य जारी है.
/ रोशन सिन्हा