

जैसलमेर (Jaisalmer) , 13 मार्च . विलुप्त होने के कगार की श्रेणी में माने जाने वाले राज्य पक्षी द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (गोडावण) के संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा मिलने वाला है. राज्य सरकार (State government) ने जैसलमेर (Jaisalmer) में डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी) में चार गांवों की ढाई हजार हेक्टेयर भूमि आवंटित की है.
उप वन संरक्षक आशीष व्यास ने बताया की अप्रेल से शुरू हो रहे गोडावण के ब्रीडिंग सीजन में संरक्षण के लिए ग्रासलैंड विकसित किया जाएगा तथा नए बाड़े बनाए जाएंगे और इस भूमि पर पक्षियों के संरक्षण और प्रजनन के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे. भूमि आवंटन की पुष्टि करते हुए व्यास ने बताया कि उनके द्वारा 13 दिसंबर को भेजे गए एक प्रस्ताव के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है. राज्य सरकार (State government) द्वारा डीएनपी की सम तहसील में चार राजस्व गांवों में 15,878.12 बीघा या 2,569.157 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को वन्यजीवों और गोडावण के संरक्षण के लिए आवंटित की है. व्यास ने कहा कि ये भूमि चार गांव जामडा, बीदा, चाहानी और बरना डीएनपी भूमि के पास हैं जहां गोडावण के लिए कुछ बाड़े पहले से मौजूद हैं. व्यास ने कहा कि यह गोडावण के संरक्षण प्रयासों को मजबूत करेगा, जो अब स्वतंत्र रूप से प्रजनन कर सकते हैं और पर्याप्त क्षेत्रों में घूम सकते हैं. इन प्रयासों से गोडावण की संख्या में वृद्धि होगी.
डीएनपी के सम क्षेत्र में सुदासरी क्षेत्र में गोडावण के लिए एक प्रजनन और संरक्षण केंद्र है. व्यास ने कहा कि भारतीय वन्यजीव संस्थान और वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित परियोजना के कारण केंद्र में गोडावण की संख्या हर साल बढ़ रही है. धरती पर तेजी से लुप्त हो रहे शेड्यूल फ़र्स्ट के वन्य जीव प्राणी द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (गोडावण) को बचाने के लिए सरकार की पहल है.
/चंद्रशेखर