कोलकाता, 27 अक्टूबर . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में शुक्रवार सुबह गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के वन मंत्री और राज्य के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक की हिरासत मांगने का फैसला किया है.

मलििक को शुक्रवार दोपहर कोलकाता में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा और एजेंसी के अंदरूनी सूत्रों ने दावा किया कि उनके वकील मंत्री की हिरासत की मांग करेंगे. विशेष लोक अभियोजक के रूप में फ़िरोज़ एडुल्जी इस मामले में ईडी का प्रतिनिधित्व करेंगे.

सूत्रों ने कहा कि मलििक को हिरासत में लेना जरूरी हो गया है, क्योंकि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी अब उन्‍हें राशन वितरण मामले में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए कोलकाता के व्यवसायी बकीबुर रहमान के साथ आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करना चाहते हैं.

एजेंसी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चूंकि गुरुवार को पूरे पूछताछ के दौरान मंत्री अपने जवाबों में पूरी तरह से असंगत थे और एक समय के बाद पूरी तरह से असहयोग मोड में चले गए, इसलिए रहमान के साथ उनसे पूछताछ करना जरूरी हो गया है.

राशन वितरण मामले में मुख्य आरोप यह है कि राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के तहत उचित मूल्य वितरण दुकानों के माध्यम से आपूर्ति किया जाने वाला गेहूं वास्तव में खुले बाजार में बेचा गया था.

सूत्रों ने बताया कि ये सभी अनियमितताएं तब हुईं, जब मलिक 2011 से 2021 तक राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रभारी थे और इसलिए वह इस मामले में अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकते.

जैसा कि ईडी के अधिकारियों का मानना है कि रहमान ने पूरी अनियमितताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने उनके कार्यालय से राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कई मुहरें भी बरामद कीं.

ईडी के अधिकारियों ने रहमान, परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों के नाम पर पंजीकृत 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का भी पता लगाया है.