पटना, 27 अक्टूबर . पटना में ओला और उबर जैसी ऐप-आधारित टैक्सियों के ड्राइवर गुरुवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए.
ड्राइवर जद-यू कार्यालय से सटे वीरचंद पटेल पथ स्थित मिलर हाईस्कूल के मैदान में एकत्र हुए, बैठक की और अपना काम बंद कर दिया.
हड़ताल के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए तिपहिया वाहनों और बसों का विकल्प चुनना पड़ा.
हड़ताली ड्राइवरों की विभिन्न मांगें हैं, जिनमें 1,500 रुपये प्रतिदिन की न्यूनतम व्यापार गारंटी, कंपनियों द्वारा शहर में कार्यालय खोलना और शहर में तिपहिया और बाइक टैक्सियों को बंद करना शामिल है.
एक कैब ड्राइवर राजेश कुमार ने कहा, “कंपनियां हमें परेशान कर रही हैं, क्योंकि हमने कार खरीदते समय 10 लाख रुपये का निवेश किया था, लेकिन प्रतिमाह 10,000 रुपये भी नहीं कमा पा रहे हैं. हम 10 किमी तक पहुंचाने की सेवा दे रहे हैं और केवल 100 रुपये मिलते हैं. हम अपनी कैब की किस्तों का भुगतान करने में असमर्थ हैं. ऐसे में हमारा गुजारा कैसे होगा.”
एक अन्य ड्राइवर संजय पासवान ने कहा : “कंपनी शहर के बाहर लंबे रूटों पर कुछ सवारी देती है, जहां कई ड्राइवर शारीरिक हमले का शिकार हो जाते हैं. कई मौकों पर ग्राहकों ने ड्राइवरों को पीटा और कैब छीन ली. हमें सुरक्षा संबंधी भी बड़ी चिंता है. कंपनियां हमारी सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रही हैं और हम अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “ओला और उबर बड़ी कंपनियां हैं, लेकिन उनमें से किसी का भी कार्यालय पटना में नहीं है. कंपनी ग्राहकों की शिकायतें सुन रही है, लेकिन ड्राइवरों की नहीं सुन रही है.”
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एसजीके