उपाधीक्षक पति ना करे अपनी पत्नी से घरेलू हिंसा, पन्द्रह हजार बतौर भरण पोषण भी देने के आदेश

उपाधीक्षक पति ना करे अपनी पत्नी से घरेलू हिंसा, पन्द्रह हजार बतौर भरण पोषण भी देने के आदेश

जयपुर (jaipur), 14 मार्च . अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-2 महानगर प्रथम ने पुलिस (Police) उपाधीक्षक नरेश कुमार को पाबंद किया है कि वह अपनी पत्नी से घरेलू हिंसा ना करे. इसके साथ ही वह अपनी पत्नी को दैनिक जरूरतों के लिए मासिक पन्द्रह हजार रुपए भी अदा करे. अदालत ने यह आदेश अंजू मेहरा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि वर्ष 2009 में उसका विवाह नरेश कुमार बंशीवाल के साथ हुआ था. जिसमें प्रार्थिया के पिता ने हैसियत से बढ़कर और लोन लेकर शादी में खर्चा किया था. वहीं दहेज में कार, 18 तोला सोना (Gold) और दो लाख रुपए नकद सहित अन्य कीमती सामान दिया था. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि शादी के बाद से उसका पति नरेश कुमार व अन्य परिवारजन उसे कम दहेज लाने के लिए ताने मारने लगे और उसे शादी तोडने की धमकी देने लगे. इसके साथ ही उसे आए दिन कमरे में बंद कर प्रताड़ित भी करने लगे. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसे अपने भरण पोषण सहित दैनिक जरूरतों के लिए भरण पोषण की राशि दिलाई जाए. जिसका विरोध करते हुए प्रार्थिया के पति की ओर से कहा गया कि प्रार्थना पत्र में सभी तथ्य आधारहीन है. प्रार्थिया स्वयं जिद्दी और झगड़ालू प्रकृति की महिला रही है. वह अपनी मनमर्जी से उसे प्रताड़ित करती थी. इसके साथ ही वह उसके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए दहेज का झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देती थी. वहीं वह स्वयं बीएड है और 16 हजार रुपए कमाती है. ऐसे में प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अप्रार्थी नरेश कुमार बंशीवाल को निर्देश दिए हैं कि वह प्रार्थियां को भरण पोषण के तौर पर पन्द्रह हजार रुपए मासिक अदा करे और उसके साथ हिंसा कारित ना करे.